लखनऊ में देशभक्ति की गूंज: ‘तेरी मिट्टी’ कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मनोज मुंतशिर ने भरी देशप्रेम की अलख

लखनऊ के डॉक्टर बी.आर. आंबेडकर सभागार, एलडीए कॉलोनी में आज एक अद्वितीय और भावनाओं से ओत-प्रोत सांस्कृतिक संध्या का आयोजन हुआ — ‘तेरी मिट्टी: सेलिब्रेटिंग तिरंगा विद मनोज मुंतशिर शुक्ला’। इस भव्य कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। यह विशेष आयोजन स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रप्रेम, शौर्य और एकता की भावना को समर्पित था, जिसने उपस्थित जनसमूह के हृदय में देशभक्ति की लहर दौड़ा दी।

कार्यक्रम के केंद्र में थे प्रसिद्ध गीतकार और लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला, जिन्होंने अपने सशक्त शब्दों और भावपूर्ण प्रस्तुति से सभागार में मौजूद हर शख्स को गहरे भावों में डुबो दिया। उनके गीतों और कविताओं में मातृभूमि के प्रति प्रेम, वीर जवानों के त्याग और तिरंगे की शान का ऐसा अद्भुत संगम था कि हर कोई भावविभोर हो उठा। ‘तेरी मिट्टी’ जैसे लोकप्रिय गीतों की गूंज ने माहौल को ऊर्जा और गर्व से भर दिया।

इस सांस्कृतिक संध्या में पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने भी अपनी मधुर आवाज़ में देशभक्ति गीत प्रस्तुत कर वातावरण को राष्ट्रप्रेम की सुगंध से महका दिया। संगीत और कविता का यह अद्भुत मेल मानो एक जीवंत श्रद्धांजलि बन गया उन वीरों के नाम, जिन्होंने देश के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार के सांस्कृतिक आयोजन न केवल राष्ट्रप्रेम को गहरा करते हैं, बल्कि नई पीढ़ी को हमारे गौरवशाली इतिहास और वीरगाथाओं से भी परिचित कराते हैं। उन्होंने कहा, “तिरंगा केवल एक ध्वज नहीं, बल्कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम, त्याग, बलिदान और राष्ट्रीय एकता का अमर प्रतीक है, जिसकी रक्षा और सम्मान करना हम सबका कर्तव्य है।”

उन्होंने प्रधानमंत्री के कथन “पहले हमारा देश, बाद में हमारा घर” का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत तभी विश्व गुरु बनेगा जब हम अपने बच्चों को देश के लिए जीना सिखाएँगे। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा देश के कुओं और जलस्रोतों को पुनर्जीवित करने के प्रयासों की भी सराहना की।

प्रदेश की उपलब्धियों पर बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि 25 करोड़ से अधिक जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश की देश के विकास में विशेष भूमिका है। उन्होंने इस सदी को महिलाओं की सदी बताते हुए कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में बेटियाँ बेटों से अधिक स्वर्ण पदक ला रही हैं, और बेटों को भी समान मेहनत करनी चाहिए। उन्होंने अभिभावकों से बच्चों के करियर चयन में उनकी रुचि का सम्मान करने और घर में सकारात्मक माहौल बनाए रखने की अपील की।

राज्यपाल ने युवाओं के कौशल की प्रशंसा करते हुए उन्हें अवसर देने पर जोर दिया। अमेठी के युवा मनोज मुंतशिर की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि वे देशभक्ति के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं, जो प्रेरणादायक है। उन्होंने सभी कलाकारों को बधाई दी और कहा कि “संगीत एक साधना है, जो जीवन में संतुलन और सकारात्मक सोच लाता है।”

कार्यक्रम में बीजेपी विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह, रसिया योगी के प्रधान सलाहकार अवनीश अवस्थी, प्रवीण सिंह ‘दीपक’, प्रदीप मिश्रा समेत अनेक विशिष्ट अतिथि, प्रशासनिक अधिकारी, साहित्यकार, कलाकार और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद रहे। यह शाम सिर्फ एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि एक भावनात्मक अनुभव बनकर सभी के दिलों में अमिट छाप छोड़ गई — स्वतंत्रता दिवस से पहले देशभक्ति की भावना को नए सिरे से प्रज्वलित करते हुए।