Terrorist Attack: मुंबई ट्रेन हादसा, धमाके, मौतें, और न्याय हुआ तो सब निर्दोष ?

Terrorist Attack: 2006 का वो काला दिन – धमाकों की कहानी
धमाकों की साजिश को लेकर जांच एजेंसियों ने दावा किया था कि इसमें लश्कर-ए-तैयबा, स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) और ISI की भूमिका थी। ATS ने 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया, सैकड़ों गवाह पेश किए गए, बम बनाने, प्लांट करने और ट्रेनिंग में शामिल होने के सबूत दिए गए.

Terrorist Attack: मुंबई लोकल ब्लास्ट केस सुप्रीम कोर्ट में

2015 में विशेष MCOCA अदालत ने 12 को दोषी ठहराया जहां , 5 को फांसी, 7 को उम्रकैद उस समय यह माना गया कि न्याय हुआ है लेकिन कहानी में परिवर्तन तब आया जब हाईकोर्ट का चौंकाने वाला फैसला – सबको बरी क्यों किया गया?
जुलाई 2025 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने टाडा कोर्ट का फैसला पलट दिया 12 में से सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया

हाईकोर्ट ने क्या कहा?
आरोप साबित करने के लिए ठोस सबूत नहीं नतीजा ये रहा फांसी और उम्रकैद पाए सभी आरोपी अब कानूनी तौर पर निर्दोष हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले से नाराज़ महाराष्ट्र सरकार और NIA ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। वही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा ,.. यह मामला राज्य सरकार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम पीड़ितों के परिवारों के लिए न्याय चाहते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने 24 जुलाई 2025 को सुनवाई के लिए तैयार होने की बात कही है। अब सवाल जनता का न्याय, देर से सही लेकिन हो! लोग पूछ रहे की जांच एजेंसी चूक गई है 209 मृतकों की आत्मा को कभी इंसाफ मिलेगा हाईकोर्ट का फैसला जायज था या सिस्टम की कमजोरी अगर ये निर्दोष थे, तो उन्हें फांसी और उम्रकैद क्यों दी गई? अगर वो दोषी थे, तो अब आज़ाद क्यों हैं?

अब सबकी नजरें सुप्रीम कोर्ट की 24 जुलाई की सुनवाई पर टिकी हैं।

या फिर 209 जानों का यह केस इतिहास में अनसुलझी कहानी बनकर रह जाएगा?
दिल से सवाल, 16 साल जेल में बिताने वाले वो 12 लोग अगर निर्दोष हैं, तो उनका हक़ कौन लौटाएगा?
और अगर वो दोषी हैं, तो क्या 209 परिवारों को न्याय कभी मिलेगा?
देश पूछ रहा है , फैसले बदल सकते हैं, लेकिन मरे हुए लोग नहीं लौटते