टीईटी निर्णय के विरोध में बाराबंकी के प्राथमिक शिक्षकों का आंदोलन जारी

बाराबंकी। अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के आवाहन पर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के नेतृत्व में बाराबंकी के प्राथमिक शिक्षक 25 सितंबर से 15 अक्टूबर तक निरंतर काली पट्टी बांधकर अध्यापन कार्य कर सर्वोच्च न्यायालय के टीईटी निर्णय का विरोध कर रहे हैं।

सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय के अनुसार, सेवारत प्राथमिक शिक्षकों को सेवा में बने रहने और पदोन्नति के लिए टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया गया है। केवल जिन शिक्षकों की सेवा 5 वर्ष बची है, उन्हें सेवा में बने रहने की छूट दी गई है, लेकिन पदोन्नति हेतु उन्हें भी टीईटी परीक्षा पास करनी होगी। जो शिक्षक टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाएंगे, उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी।

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ बाराबंकी के अध्यक्ष डॉ. राकेश सिंह ने कहा कि वर्तमान चयन परीक्षा की योग्यता को दशकों पहले नियुक्त शिक्षकों पर थोपना अन्यायपूर्ण, अतार्किक और अवैधानिक है। इसी कारण पूरे देश के शिक्षक सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस संबंध में पुनर्विचार याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल की है। इसी क्रम में बाराबंकी के फतेहपुर, रामनगर, निंदूरा, दरियाबाद, हरख, त्रिवेदीगंज, हैदरगढ़, सिद्धौर, बंकी, सिरौली गौसपुर, सूरतगंज सहित विभिन्न ब्लॉकों में शिक्षक काली पट्टी बांधकर अध्यापन कार्य कर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।

इस आंदोलन में जिलाध्यक्ष डॉ. राकेश सिंह, जनपदीय मंत्री उमानाथ मिश्र, किरन विश्वकर्मा, शिवसागर सिंह, सुनील त्रिपाठी, राजेश कुमार सिंह, प्रमोद सिंह, शिव सिंह, अरविंद प्रताप सिंह, अनिल कुमार सिंह, हनुमंत अवस्थी, अयोध्या प्रसाद, विनय कुमार शुक्ल, ललित पांडे, धीरेंद्र प्रताप सिंह, अनवार अहमद सहित शिक्षक प्रतिनिधि सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।