देश की राजधानी दिल्ली में अब एक बार फिर से कोरोना का प्रकोप नजर आ रहा है. बीते कुछ दिनों से दिल्ली में 5 हजार से ज्यादा केस रोजाना सामने आ रहे हैं. इसकी वजह से टॉप प्राइवेट हॉस्पिटल्स में वेंटिलेटर बेड्स पूरी तरह से भर चुके हैं. आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक, सोमवार को वेंटिलेटर की सुविधा के साथ 1,244 वेंटिलेटर बेड्स में से 394 ही खाली थे.
साकेत के मैक्स हॉस्पिटल (वेंटिलेटर के साथ कुल 51) और शालीमार बाग (15), वसंत कुंज स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल (सात) और शालीमार बाग (पांच), अपोलो अस्पताल, बीएलके अस्पताल (सात) में बेड्स सभी भर चुके हैं.
दिल्ली सरकार द्वारा संचालित एलएनजेपी अस्पताल में वेंटिलेटर के साथ 200 बेड्स हैं. इसमें से 8 खाली थे. हालांकि, राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (RGSSH) के 200 में से 196 ऐसे बेड थे, जो शाम 5:20 बजे तक खाली थे.
वहीं, सफदरजंग और एम्स जैसे अस्पतालों में भी बेड्स की कमी होने लगी है. सफदरजंग अस्पताल में वेंटिलेटर के साथ आईसीयू बेड सिर्फ एक खाली है तो वहीं एम्स ट्रामा सेंटर में 5 और आरएमएल हॉस्पिटल में 6 खाली हैं.
बता दें दिल्ली में कोरोना ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है. अब हर रोज औसतन 5 हजार केस आ रहे हैं.
सोमवार को 4 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए तो 42 लोगों की मौत हुई. दिल्ली में कोरोना के कुल केस 4 लाख के करीब हो गए हैं. वहीं, 6600 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. इससे पहले रविवार को 5,664 नए मामले सामने आए थे.
दिल्ली- NCR में बढ़ रहे केस
दिल्ली से सटे गुरुग्राम और फरीदाबाद में भी कोरोना के मामले बढ़े हैं. नीति आयोग ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली के अलावा हरियाणा के गुरुग्राम और फरीदाबाद में कोरोना के मामलों में इजाफा हुआ है.
स्वास्थ्य मंत्रालय और नीति आयोग की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि क्योंकि त्योहार, प्रदूषण और ठंड ने दस्तक दे दी, तो ऐसे में लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. आने वाले समय में कोरोना का एक और पीक आ सकता है.