नई दिल्ली। पूरी दुनिया में कोरोना महामारी का संकट चल रहा है। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र ने इस आपदा के कारण वैश्विक स्तर पर उत्पन्न हुई ‘बेरोजगारी की समस्या’ का जिक्र किया है।
राष्ट्रीय आय में सभी देश पीछे चले गए
दरअसल, अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के द्वारा एक एक रिपोर्ट में रोजगार पर महामारी के प्रभाव का विस्तार से विवरण दिया है। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने कहा कि रोजगार व राष्ट्रीय आय में सभी देश पीछे चले गए हैं।
10.8 करोड़ कामगार गरीब की श्रेणी में
रिपोर्ट में बताया गया कि इसका असर अगले साल भी रहेगा और 20 करोड़ लोग बेरोजगार हो सकते हैं। अभी 10.8 करोड़ कामगार गरीब या अत्यंत गरीब की श्रेणी में आ गए हैं।
कई वर्षों तक रहेगा असर
संयुक्त राष्ट्र की श्रम एजेंसी अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन ने एक रिपोर्ट में बताया कि महामारी से रोजगार बाजार पर असर देखने को मिला है रिपोर्ट के अनुसार, ठोस नीतिगत प्रयास न होने के कारण महामारी ने अप्रत्याशित तबाही मचाई है। जिसका असर कई वर्षों तक रहेगा।
2021 में 7.5 करोड़ तक होगी बेरोजगारी
2020 में कुल कामकाजी समय में भी नुकसान देखा गया जो 8.8 फीसदी है। यह समय 25.5 करोड़ पूर्णकालिक श्रमिक के एक साल तक काम करने के बराबर है। बेरोजगारी की समस्या 2021 में 7.5 करोड़ तक होगी और 2022 में यह 2.3 करोड़ होगी। इसमें यह भी बताया गया है कि अगर यह महामारी नहीं आती तो दुनिया में 30 करोड़ नए रोजगार 2020 में ही उत्पन्न हो जाते।