नई दिल्ली। बिेमौसम बर्फबारी के बाद ग्लेशियर से हिमखंड टूटने के चलते सीमांत तहसील धारचूला की दारमा घाटी में तबाही देखने को मिल रही है।
बारिश और बर्फबारी होने के बाद 5 ग्लेशियरों के हिमखंड टूटे हैं, इससे चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क व माइग्रेशन गांवों के पैदल रास्ते पूरी तरह से बंद है।
ग्रामीण लोगों के लिए मुश्किल हालात
सड़क और रास्ते बंद होने से जो भारतीय जवान चीन सीमा की चौकसी में डटे हुए है और जो माइग्रेशन वाले ग्रामीण लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बता दे कि सीमांत जनपद में धारचूला व मुनस्यारी के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बीते 21 अप्रैल को भारी बर्फबारी हुई। इस बेमौसम बर्फबारी से दारमा घाटी के माइग्रेशन गांवों में पैदल रास्ते पूरी तरह से बंद हैं।
आवाजाही पूरी तरह से ठप
पांच स्थानों पर ग्लेशियरों के विशाल हिमखंड टूटने से चीन सीमा को जोड़ने वाली तवाघाट-तिदांग सड़क पर भी आवाजाही पूरी तरह से ठप है। नागलिंग, बालिंग में एक-एक तो ढाकर के पास तीन ग्लेशियरों के हिमखंड टूटकर सड़क पर गिरे हैं। इससे स्थानीय लोगों पर संकट आ गया है।
मवेशियों की बर्फ में दबने से मौत
ग्लेशियरों से हिमखंड टूटने से 500 से अधिक भेड़ों व कई घोड़ों, गाय व अन्य मवेशियों की बर्फ में दबने से मौत हो गई। हालांकि इस घटना में भेड़पालक व माइग्रेशन पर गए ग्रामीण सुरक्षित बच गए।