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राजस्थान में बिजली कंपनियों की मनमर्जी उपभोक्ताओं पर भारी! लाखों लोग परेशान- Amar Bharti Media Group राज्य, राजस्थान

राजस्थान में बिजली कंपनियों की मनमर्जी उपभोक्ताओं पर भारी! लाखों लोग परेशान

जयपुर डिस्कॉम के सिस्टम की खामी का नुकसान उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है. डिस्कॉम के सबडिवीजन बिलिंग सिस्टम को प्रभावी तरीके लागू नहीं कर पाए हैं.

जयपुर: राजस्थान की बिजली कंपनियों की मनमर्जी उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रही है. विद्युत विनियामक आयोग की खुली छूट के सहारे डिस्कॉम मनमानी पर उतारू है.

जयपुर शहरी क्षेत्र के 9 लाख उपभोक्ताओं सहित प्रदेशभर के उपभोक्ता एक महीने से कम अवधि में दूसरी बार, बिजली का बिल भरने पर बाध्य हैं.

जयपुर डिस्कॉम के सिस्टम की खामी का नुकसान उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है. डिस्कॉम के सबडिवीजन बिलिंग सिस्टम को प्रभावी तरीके लागू नहीं कर पाए हैं. अधिकांश उपभोक्ताओं ने जुलाई महीने के अंत में ही अपना बिजली बिल जमा करवाया है. इसी बीच, दूसरा बिल डिस्कॉम की ओर से जारी कर दिया गया है. ऐसे में उपभोक्ताओं के लिए आर्थिक प्रबंधन चुनौती बन गया है.

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दरअसल, डिस्कॉम अपने कमजोर वित्तीय प्रबंधन से घाटे से उबर नहीं पा रहा है. बिजली कंपनियों का घाटा बढ़कर नब्बे हजार करोड़ के पार हो गया है. हालिया बिजली बिल दरों में इजाफे के बाद से, डिस्कॉम का बिलिंग सिस्टम पटरी पर नहीं चढ़ पाया है, इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है.

बिजली कंपनियों एक महीने की अवधि के भीतर दो बार बिल भेज रही हैं. जयपुर डिस्कॉम के सिटी सर्किल में एक महीने के बजाए इस बार 20 दिन में ही बिजली के बिल दिए जा रहे हैं. इससे उपभोक्ताओं का घरेलू बजट गड़बड़ा गया है. साथ ही, अभी भेज जा रहे बिजली बिलों में लॉकडाउन (Lockdown) अवधि की दूसरी किश्त की राशि भी, जोड़कर दी जा रही है.

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ऐसे में उपभोक्ताओं को दोगुना राशि के बिल मिल रहे हैं. बताया जा रहा है कि, सॉफ्टवेयर में हुए बदलाव और लॉकडाउन के कारण पिछले महीने एक माह के बजाए डेढ़ महीने में बिल दिया था. अब उस समय की पूर्ति करने के लिए केवल 20 दिन में ही बिल दे रहे हैं. उपभोक्ताओं ने हाल ही आए बिलों का विरोध करते हुए, सबडिवीजन दफ्तरों में शिकायत दर्ज करवा रहे हैं.

वहीं, इस बिल के बाद बिजली कंपनियां विलंब शुल्क भी वसूल सकेंगे. बिजली कंपनियों ने लॉकडाउन के दौरान के बिल राशि को दो किश्तों में वसूलने का फैसला लिया था. पहली किश्त जुलाई के बिल में जोड़ी गई थी, तथा दूसरी किश्त अगस्त के बिलों में जोड़ रहे हैं. अब अगला बिल उपभोक्ता को समय पर जमा करवाना होगा, वरना पूरे बिल पर विलंब शुल्क देना होगा.