ज्योतिष शास्त्र में गुरु यानि वृहस्पति को देवताओं को गुरु का कहा गया है. गुरु गंभीर परिस्थितियों में ही अशुभ फल प्रदान करते हैं. अन्यथा गुरु सदैव शुभ ही फल प्रदान करते हैं. मकर राशि में शनि के साथ गुरु का क्या फल होगा इसको लेकर लोगों के मन में कई प्रश्न रहते है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु और शनि का आपस मेें संबंध सम है, यानि न खराब न अच्छा.
गुरु को मजबूत बनाएं
गुरु जब किसी की जन्म कुंडली में शुभ और मजबूत स्थिति में होते हैं तो अत्यंत शुभ फल प्रदान करते हैं. कमजोर होने पर गुरु पेट संबंधी रोग प्रदान करते हैं और प्रमोशन, उच्च पद आदि मिलने में बाधा आती है. वहीं विवाह देरी का कारक भी गुरु ही हैं. इसलिए लिए गुरु का आर्शीवाद जीवन में बना रहना बहुत ही जरूरी है.
गुरुवार को करें ये उपाय
गुरुवार को पूजा करने से गुरु ग्रह की शक्ति में बढ़ोत्तरी होती है. विशेष बात ये है कि पंचांग के अनुसार 26 नवंबर को द्वादशी की तिथि है. इस दिन देवउठनी एकादशी व्रत का पारण किया जाता है. इस दिन पंचक भी समाप्त हो रहे हैं. इसके बाद शुभ और मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगे. इसलिए आज का दिन कई कार्यों के लिए उत्तम है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है.
गुरुवार की पूजा
गुरु ग्रह को मजबूत बनाने के लिए गुरुवार के दिन भगवान विष्णु को पीले पुष्प और पीले वस्त्र अर्पित करना चाहिए. वहीं भगवान शिव को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं.
गुरुवार को न करें ये काम
गुरुवार को बिना नमक का भोजन करना चाहिए. क्रोध नहीं करना चाहिए. मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके साथ कोई भी गलत कार्य नहीं करना चाहिए.
गुरु का मंत्र
ॐ बृं बृहस्पते नम:
शनि का मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: