अयोध्या में पांच एकड़ जमीन पर बनने वाले मस्जिद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को एक याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत में अपील की गई कि मस्जिद बनाने वाले ‘इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन’ ट्रस्ट में सरकारी प्रतिनिधियों को शामिल किया जाना चाहिए. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है.
याचिकाकर्ता की मांग थी कि जिस तरह राम जन्मभूमि ट्रस्ट में भी सरकार की भागीदारी है, उसी प्रकार मस्जिद से जुड़े ट्रस्ट में भी ऐसा होना चाहिए. हालांकि, अदालत ने इन दलीलों को मानने से इनकार किया.
आपको बता दें कि राम जन्मभूमि के फैसले के बाद अदालत ने अयोध्या में ही मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन देने की बात कही थी. अयोध्या के धन्नीपुर में मस्जिद बनाई जानी है.
मस्जिद का निर्माण इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के तहत हो रहा है. ट्रस्ट ने बीते दिनों अपनी पहली बैठक होने के बाद जानकारी दी थी कि यहां पर मस्जिद, इंडो इस्लामिक रिसर्च सेंटर, लाइब्रेरी और अस्पताल का निर्माण कराया जाएगा.
इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट में कुल 15 लोग शामिल होंगे, जिसमें कुछ नामित भी किए जाएंगे. ट्रस्ट ने साफ किया था कि मस्जिद का नाम बाबर के नाम पर नहीं होगा.
गौरतलब है कि इसी साल अगस्त में अयोध्या में रामजन्मभूमि पर राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है. पीएम मोदी ने खुद मंदिर की नींव रखी थी, जिसके बाद नक्शा पास करने और मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई.