मुल्ला अबदुल गनी बरादर, हिब्तुल्ला अखुंदज़ादा, मुल्ला मोहम्मद याकूब, सिराजुद्दीन हक्कानी, शेर मोहम्मद स्तानिकजई।

नई दिल्ली। आपको उन पाचं नामों से रू-ब-रू कराते है जो तालिबान के हाकिम और हुक्मरान है। इन लोगों के इर्द-गिर्द आने वाले वक्त में तालिबान की सरकार बनेगी, जो बरसों से अफ़गान में तालिबान को पाल रहें हैं। इन्हीं के हाथों में अफगानिस्तान की किस्मत आने वाली है।
मुल्ला अबदुल ग़नी बरादर : अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आता दिख रहा है। मुल्ला अबदुल ग़नी बरादर अफगानिस्तान का नया राष्ट्रपति बन सकता है
हिब्तुल्ला अखुंदज़ादा : तालिबान की मौजूदा कमान फिलहाल हिबतुल्लाह अखुंदजादा के पास है। वह तालिबान का सुप्रीम नेता है. पहले वह छोटा सा मजहबी नेता हुआ करता था. परंतु तालिबान की सत्ता हाथ में आते ही कमाल की लीडरशिप दिखाई थी।
मुल्ला मोहम्मद याकूब : 35 साल का मुल्ला याकुब , तालिबान की नींव रखने वाले मुल्ला उमर का बेटा है। याकुब के बारे में कहा जाता है कि वह सैन्य गतिविधियों का सिरताज है. याकुब ही अफगानिस्तान में तालिबान के हर ऑपरेशन को अंजाम देता है।
सिराजुद्दीन हक्कानी : सिराजुद्दीन हक्कानी तालिबान के टॉप कमांडर जलालुद्दीन का बेटा है। फिलहाल वह तालिबान का हक्कानी नेटवर्क चलाता है, जो तालिबान का सहयोगी संगठन है. हक्कानी के ऊपर 70 करोड़ का इनाम है।
शेर मोहम्मद स्तानिकजई : शेर मोहम्मद तालिबान का एक बड़ा नेता है, जो तालिबान की और से होनेवाली बातचीत में शामिल रहता है। 2015 में शेर मोहम्मद को तालिबान के सियासी दफ्तर का मुखिया बनाया गया. वो अमेरिका के साथ हुए शांति समझौते में भी शामिल था।