अमर भारती : स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव को शौचालय निर्माण हेतु सरकारी धन किस तरह से बेकार हो रहा है इसका नजारा अब सरे आम देखने के मिल सकता है। दरअसल हम बात कर रहे है ग्राम सवरेजी खरग की जहाँ ग्राम प्रधान मीरा देवी हैं और उनके पति ग्राम प्रतिनिधि के रूप में कार्य कर रहे हैं। प्रधान प्रतिनिधि पति रामचंद्र ग्राम सभा के पैसों को अपने नाम निकलवा लिया। आपको बताते चलें कि सवरेजी खरग में कुल 336 शौचालय बनने का लक्ष्य था जो मौके पर मात्र 300 शौचालय बने हैं शेष धनराशि निजी हित में खर्च किया गया है।
वहां के ग्रामीणों का कहना है कि मरे हुए लोगो के नाम से शौचालय बनाने की शासन से डिमांड की गई हैं और कुछ के बना दिये गए। इस प्रक्रिया में ग्राम प्रधान ने अपने पति को लाभ देने के उद्देश्य से बिना शासनादेश के तहत पति के नाम चेक जारी किया और सामग्री खरीद का भी कोई बिल बाउचर ग्राम सभा को नहीं दिखाया गया और चेक इनको मिलता गया और ये मनमानी तरीके से सरकारी पैसा निकालते गए बने हुए शौचालय की गुणवत्ता दोयम दर्जे की है सरकार की ओर से मिलने वाले शौचालय के लिये 12 हजार धनराशि को दोयम दर्जे का ईट लगा कर कुल 8 हजार में निर्माण करा दिए जा रहे हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि प्रधान के पति स्वयं ठेकेदार बने हुए हैं वह ग्रामीणों को स्वच्छता के नाम पर दिय गये रुपये से गांवों में बनने वाले शौचालय लाभार्थी को दो किस्तो में 12 हजार रुपये नहीं दिया जाता। कुछ के शौचालय हैं जो पूर्व सेफ्टी टैंक से बने हैं उनको भी धोखाधड़ी से फोटो खींचकर रिश्वत लेकर इस योजना में सम्मिलित करते हुए धन का बन्दर बाट किया गया है।
गौरतलब है कि पिछले वर्षों में बने हुए मनरेगा योजना के तहत शौचालयों को भी इस योजना में दिखया जा रहा है। ग्रामीणों ने डीएम से लिखित रूप में शिकायत करते हुए इस पूरे प्रकरण की जांच जिला स्तरीय अधिकारी व तकनीकी अधिकारी से करने की मांग की हैं। वही ग्रमीणों का आरोप है गांव में कभी भी सफाई कर्मी दिखाई नही देता लेकिन प्रधान की मिली भगत से हर महीने उसका पूरी डियूटी लगाकर भुकतान कर दिया जाता है। जो स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां उड़ाते हुए ग्राम प्रधान के पति प्रतिनिधि रामचंद्र पासवान व ग्राम पंचायत अधिकारी से मिली भगत कर पैसों की बड़ी हेराफेरी हो रही है।