नई दिल्ली। इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना मोहर्रम के रूप में बनाया जाता है। मुस्लिम समुदाय के अनुसार ये महीना काफी पाक माना जाता है। वहीं इस महीने के 10वें दिन को आशुरा के तौर पर मानते है। बता दें, मुस्लिम वर्ग के लोगों लिए मोहर्रम का काफी महत्व होता है।
क्यों बनाया जाता है मोहर्रम?
हज़रत इमाम हुसैन इस्लाम के पैंगम्बर मोहम्मद साहब के नवासे थे। उन्होंने इस्लाम और मानवता की रक्षा के लिए अपनी अपने परिवार और दोस्तों की कुर्बानी दे दी। इसी शहादत की याद में शिया मुसलमान ताजिया निकालते हैं। इस ताजिया के साथ जुलूस निकालकर फिर उसे प्रतीकात्मक के रूप में दफनाया जाता है। दुनिया भर के मुसलानों के लिए यह गम का महीना है। मुहर्रम का 10वां दिन आशूरा का दिन और हुसैन के बहादुर बलिदान को याद करने का दिन है।
आशूरा का दिन होता है महत्तवपूर्ण
आशूरा का दिन मुसलमानों के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन बताया जाता है कि मूसा और उसके अनुयायियों ने मिस्र के फिरौन पर विजय प्राप्त की थी। मुहर्रम को शिया मुसलमानों के समुदाय द्वारा हज़रत इमाम हुसैन की शहादत को याद करने और शोक करने का दिन माना गया है, जो मुहर्रम की पहली रात के शोक से शुरू होता है और अगले 2 महीने और 8 दिनों तक जारी रहता है। बता दें, मुहर्रम का दसवां दिन जोकि अंतिम दिन है, देश में अवकाश का होता है। इसलिए इस दिन सरकारी कार्यालय अकसर बंद ही रहते हैं।