टीआरएस कान्वेंट स्कूल में डांडिया नृत्य का हुआ आयोजन, सैकड़ों महिलाओं ने लिया हिस्सा

संडीला (हरदोई)। नगर के टीआरएस कान्वेंट स्कूल में गरबा और डांडिया नृत्य का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों महिलाओं और युवतियों ने पारंपरिक गुजराती वेशभूषा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि वरिष्ठ समाजसेवी श्रीमती संतोष अस्थाना और डॉ. विभा सिंह ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया।

मुख्य अतिथि श्रीमती अस्थाना ने कहा कि भारत विविध संस्कृतियों और सभ्यताओं का देश है, और डांडिया नृत्य एकता, सौभाग्य और संस्कृति का प्रतीक है। उन्होंने यह भी बताया कि यूनेस्को ने गुजरात के गरबा नृत्य को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया है।

कार्यक्रम में स्कूल को डांडिया थीम पर सजाया गया था। महिलाओं और युवतियों ने रंग-बिरंगी छड़ों के साथ गुजराती संगीत पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम की आयोजक डॉ. विभा सिंह ने कहा कि डांडिया पारंपरिक भारतीय नृत्य है, जो भारतीय संस्कृति की गहराई को उजागर करता है।

इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिनमें कपल और सोलो डांस प्रतियोगिता विशेष आकर्षण रहीं। कार्यक्रम में रामगोपाल, डॉ. राहुल द्विवेदी, सुखदेव द्विवेदी, बृजेंद्र सिंह, अजय द्विवेदी, सत्येंद्र, अभिषेक, मोनिका पांडे, गजल सिद्दीकी, शिवांगी अस्थाना, सुनीता मिश्रा, दिव्यांशी, रीता सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के दौरान कवयित्री मानसी कपूर को “साहित्य रत्न” और महिला कांस्टेबल प्रतिमा दुबे को “लोक प्रहरी रत्न” सम्मान से नवाज़ा गया।

महिला कांस्टेबल प्रतिमा दुबे ने कहा कि “नारी अबला नहीं है, उसे अपने अधिकारों को जानना चाहिए।” उन्होंने महिलाओं से आत्मनिर्भर बनने का आह्वान करते हुए महिला सशक्तिकरण और मिशन शक्ति की महत्ता पर प्रकाश डाला।