सरकार के ख़िलाफ़ एकजुट होने की कोशिश : पूर्व मंत्री से मिला भाजसपा का प्रतिनिधि मंडल

प्रदेश के वर्तमान हालातों पर चर्चा के साथ मोर्चा को मजबूत करने की कवायद

लखनऊ। भारतीय जन सम्मान पार्टी के पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने प्रदेश के पूर्व मंत्री और भागीदारी संकल्प मोर्चा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर से मुलाकात की। इस प्रतिनिधि मंडल ने मोर्चा अध्यक्ष से प्रदेश की वर्तमान स्तिथियों पर विस्तार से चर्चा की।

प्रतिनिधि मंडल में थे ये लोग

दरअसल, भारतीय जन सम्मान पार्टी का यह प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव मिशन 2022 के समीकरण को देखते हुए पूर्व मंत्री से मिला। इस प्रतिनिधि मंडल में पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार सिंह, राष्ट्रीय सचिव हाजी सुहैल अहमद ज़ैदी उर्फ बाबा, अल्पसंख्यक विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष जावेद अहमद किरमानी, प्रदेश महासचिव ओम सरन सैनी और महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती पूनम भासीन शामिल थीं।

इन मुद्दों पर हुई चर्चा

पूर्व मंत्री राजभर से हुई मुलाकात दौरान वर्तमान हालातों पर विस्तृत चर्चा की गई। जिसमें प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा कोरोना महामारी रोकने में विफलता, लाखों लोगों की नौकरियाँ जाना और ऑक्सीजन, इन्जेक्शन, दवाइयां तथा अस्पतालों में बेड की कमी पर भी चर्चा हुई।

आरोप, प्रदेश में जनता भुखमरी की कगार पर

भारतीय जन सम्मान पार्टी प्रतिनिधि मंडल के अनुसार, कोरोना महामारी के दौर में
लाखों लोगों को जान गंवानी पड़ी है। बच्चे अनाथ हो गये हैं। सरकार शिक्षा मित्रों, संविदा व अनुदेशकों के नाम पर शोषण कर रही है। किसान 6 माह से अधिक समय से आन्दोलनरत हैं। लगातार बढ़ती हुई महंगाई एवं खत्म होते हुए रोजगार के कारण प्रदेश में जनता भुखमरी की कगार पर आ रही है।

सामान्य वर्ग के साथ आरक्षण के नाम पर छल

पार्टी प्रतिनिधि मंडल के अनुसार, देश के संविधान के साथ लगातार खिलवाड़ करने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार निजीकरण के माध्यम से 49.5% अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को खत्म करने के साथ साथ 51.5% जनरल वर्ग की भागीदारी भी खत्म कर रही हैं। कुल मिलाकर जनरल को यह दिखाया जा रहा है कि आरक्षण खत्म हो रहा है। लेकिन, यह नहीं दिखाया जा रहा है कि जनरल वर्ग को मिल रही नौकरियां भी खत्म की जा रही है।

मोर्चा मजबूत बनाने पर विचार-विमर्श

सरकारी संस्थाओं के निजीकरण से जानता का शोषण उसी प्रकार होगा, जैसे ईस्ट इंडिया कंपनी ने किया था। साथ ही, भागीदारी संकल्प मोर्चा को मजबूत बनाने हेतु विचार विमर्श हुआ।

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