अमर भारती : एक्सीडेंट के बाद से ही उन्नाव रेप कांड की पीड़िता की हालत नजुक बनी हुई है। पीड़िता की हालत देखते हुए सुप्रीम कोर्ट की ने कहा था की अगर परिवार चाहे तो पीड़िता के अच्छे इलाज के लिए दिल्ली भेजा जा सकता है। मगर अब सुप्रीम कोर्ट ने बताया है कि पीड़िता के परिजनों ने लखनऊ में ही इलाज कराने की इच्छा जताई है। फिलहाल पीड़िता लखनऊ के ट्रामा सेंटर में भर्ती है।
तो वहीं दूसरी तरफ आरोपी विधायक का शस्त्र लाइसेंस अभी तक निरस्त नहीं किया गया है। दरअसल आरोपी विधायक के नाम तीन शस्त्र लाइसेंस है। आरोपी के पास एक सिंगल बैरल बंदूक, एक रायफल और एक रिवॉल्वर का लायसेंस था। हांलाकि विधायक की गिरफ्तारी के बाद उसके सभी शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई हुई थी। अब सवाल ये उठता है कि आखिर 15 महीने बाद भी लाइसेंस निरस्त क्यों नहीं किए गए। जब इस सिललिले में डीएम देवेन्द्र कुमार पांडे से बात की तो उन्होंने सही तरीके से किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया।
साथ ही साथ पीड़िता के एक्सीडेंट का केस सुलझाने के लिए पुलिस लगातार कोशिश कर रही है। दरअसल उन्नाव मामले में ट्रक के ड्राइवर और क्लीनर को दिल्ली ले जाने के लिए एक दिन की ट्रांजिट रिमांड मिल गई है। अब ऐसे में CBI दोनों को दिल्ली ले जाकर कोर्ट मे पेश करेगी। तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पीड़िता के चाचा की भी सुरक्षा बढ़ा गई है। पीड़िता के चाचा के लिए CRPF जवान तैनात किए गए है। उधर चार दिन बाद यूपी महिला आयोग की अध्यक्षा की नींद खुली हैं।