
उत्तर प्रदेश में बीजेपी अध्यक्ष पद को लेकर सियासी चर्चा तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी इस दौड़ में सबसे आगे हैं और उनके नाम की घोषणा शनिवार को हो सकती है। कुर्मी समुदाय से आने वाले चौधरी यूपी के वरिष्ठतम नेताओं में से हैं और संगठन एवं शासन में उनका लंबा अनुभव है। उनके अध्यक्ष बनने से 2027 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को रणनीतिक लाभ मिलने की संभावना जताई जा रही है। जानकारों का मानना है कि पंकज चौधरी, अखिलेश यादव के PDA दांव का भी तोड़ साबित हो सकते हैं।
महाराजगंज से 7 बार के सांसद, कई जिलों पर प्रभाव
पंकज चौधरी ने महाराजगंज लोकसभा सीट से 1991 से अब तक सात बार जीत दर्ज की है। केवल 1999 और 2009 में ही उन्हें हार का सामना करना पड़ा। कुर्मी जाति से आने वाले चौधरी का प्रभाव महाराजगंज, सिद्धार्थनगर और उसके पड़ोसी जिलों के साथ-साथ नेपाल तक फैला हुआ है।
पंकज चौधरी की छवि हमेशा बेदाग और शालीन रही है। उन्होंने कभी राजनीतिक बयानबाजी में फंसकर विवाद नहीं बढ़ाया और न ही पार्टी विरोधी किसी गतिविधि में शामिल हुए। पार्टी ने उन्हें जो जिम्मेदारी दी, उन्होंने उसे पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाया है।
आयुर्वेदिक तेल ‘राहत रूह’ के मालिक और यूपी के किंग मेकर
पंकज चौधरी सिर्फ राजनीतिक ही नहीं बल्कि व्यवसायिक तौर पर भी सक्रिय हैं। वे आयुर्वेदिक तेल ‘राहत रूह’ बनाने वाली कंपनी हरबंशराम भगवानदास के मालिक हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में उनकी छवि किंग मेकर की है। वर्तमान में यूपी बीजेपी में कुर्मी नेताओं में उनका कद सबसे ऊँचा है। प्रदेश में कुर्मी यादवों के बाद दूसरी सबसे बड़ी पिछड़ी जाति के रूप में उनका प्रभाव बहुत मजबूत माना जाता है।
पंकज चौधरी के अध्यक्ष बनने से संगठन और चुनावी रणनीति दोनों को मजबूती मिलेगी। उनके अनुभव, शालीन छवि और कुर्मी समाज में प्रभाव के कारण उन्हें 2027 विधानसभा चुनाव में बीजेपी की ताकत बढ़ाने वाला माना जा रहा है।