उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने किया इण्टरनेशनल इण्टरफेथ कान्फ्रेन्स का भव्य उद्घाटन

लखनऊ, 11 अगस्त। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, राजाजीपुरम द्वितीय कैम्पस द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ‘इण्टरनेशनल इण्टरफेथ कान्फ्रेन्स’ का भव्य उद्घाटन आज सायं उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने सी.एम.एस. की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन विभिन्न धार्मिक समुदायों के मध्य परस्पर विश्वास और समझ को बढ़ावा देते हैं। उप-मुख्यमंत्री ने जनमानस से एकता और सौहार्द की भावना के साथ समाज के सतत विकास में सक्रिय योगदान देने का आह्वान किया। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन का आयोजन 11 से 13 अगस्त तक सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में किया जा रहा है, जिसमें इजिप्ट, अमेरिका, लेबनान, ब्राजील समेत भारत के विभिन्न प्रांतों से पधारे विद्वान और धर्मविशेषज्ञ अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।

उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि एवं देश-विदेश से आए विद्वजनों का हार्दिक स्वागत-अभिनन्दन करते हुए सी.एम.एस. प्रबंधक प्रो. गीता गांधी किंगडन ने कहा कि धर्म हमें जीवन मूल्यों पर चलना सिखाता है और हमारी आध्यात्मिक प्रगति में सहायक होता है। उन्होंने बताया कि सी.एम.एस. की विचारधारा में सभी धर्मों का पूरा सम्मान समाहित है। उनका मानना है कि यह सम्मेलन छात्रों एवं युवा पीढ़ी को सभी धर्मों का आदर करते हुए एकता और शांति के वातावरण में सामाजिक विकास हेतु प्रेरित करेगा। इण्टरनेशनल इण्टरफेथ कान्फ्रेन्स की संयोजिका एवं सी.एम.एस. राजाजीपुरम द्वितीय कैम्पस की हेडमिस्ट्रेस सुश्री ख्याति लांबा ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन विश्व के विभिन्न धर्मों के बीच समन्वय स्थापित करने में सफल साबित होगा। सम्मेलन के दौरान छात्रों ने देश-विदेश से आए विद्वानों, धर्मावलंबियों व न्यायविदों के सम्मान में रंगारंग शिक्षात्मक एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई, जिसने सभी उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

सम्मेलन शुरू होने से पहले देश-विदेश से आए विद्वान और धर्मावलंबी अपराह्न सत्र में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों से मिले और इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्देश्यों पर विस्तार से अपने विचार साझा किए। सभी विद्वजनों ने एक स्वर से कहा कि धार्मिक समन्वय सामाजिक विकास की मूल धुरी है। उनका मानना था कि धर्म इंसान को इंसान से जोड़ता है और इस भावना के अनुरूप विभिन्न धर्मों की समानताओं पर गौर करते हुए समन्वय और भाईचारे को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सी.एम.एस. के इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का समाज पर सकारात्मक और स्थायी प्रभाव पड़ेगा।

सी.एम.एस. के हेड कम्युनिकेशन्स श्री ऋषि खन्ना ने बताया कि इण्टरफेथ सम्मेलन के तहत चर्चा-परिचर्चा का दौर आगामी 12 अगस्त को प्रातः 8:30 बजे से सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में शुरू होगा, जिसमें देश-विदेश से पधारे विद्वान विभिन्न विषयों पर सारगर्भित विचार रखेंगे। सम्मेलन के प्रमुख प्रतिभागियों में न्यायमूर्ति डॉ. आदिल ओमर शरीफ, डेप्युटी चीफ जस्टिस, सुप्रीम कन्स्टीट्यूशनल कोर्ट ऑफ इजिप्ट; डॉ. सैली हम्मूद, कम्युनिकेशन एंड डिजिटल मीडिया स्पेशलिस्ट, लेबनान; डॉ. डेविड रिस्ले, संस्थापक, जस्टिस वाइसेज एंड गॉड यूनाइट्स, अमेरिका; सुश्री कार्मेन बालहेस्ट्रो, फाउंडर, पैक्स यूनिवर्सल, ब्राजील; भृगु पीठाधीश्वर पूज्य गोस्वामी सुशील जी महाराज, राष्ट्रीय संयोजक, भारतीय सर्वधर्म संसद; मौलाना ए आर शाहीन कासमी, जनरल सेक्रेटरी, वर्ल्ड पीस आर्गनाइजेशन, नई दिल्ली; श्री परमजीत सिंह चंडोक, चेयरमैन, गुरूद्वारा श्री बांग्ला साहेब, नई दिल्ली; आचार्य विवेक मुनि जी महाराज, फाउंडर, आचार्य सुशील मुनि मिशन; फादर सेबेस्टियन कोलीथानम, डायरेक्टर, कुष्ठ नियंत्रण एवं उन्मूलन समिति; श्री मराजबान नारीमन जायवाल, जोरास्ट्रियन पारसी सोसाइटी आदि प्रमुख हैं।

यह तीन दिवसीय सम्मेलन धार्मिक सद्भाव, सांस्कृतिक एकता और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले विद्वान विभिन्न धर्मों के बीच संवाद स्थापित कर समाज में शांति और सह-अस्तित्व की भावना को मजबूत करेंगे। इस तरह के आयोजन न केवल धार्मिक मतभेदों को कम करते हैं बल्कि युवा पीढ़ी को भी विविधता में एकता का संदेश देते हैं, जो सामाजिक विकास का आधार है।

इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि आज के वैश्विक युग में धार्मिक सद्भाव और आपसी समझ की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है। ऐसे आयोजन समाज के विभिन्न वर्गों को एक साथ लाकर बेहतर संवाद स्थापित करने का अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे धार्मिक एकता, सामाजिक सौहार्द और आपसी सहयोग को प्राथमिकता दें, जिससे समाज और देश का समग्र विकास संभव हो सके।

सी.एम.एस. का यह इण्टरनेशनल इण्टरफेथ कान्फ्रेन्स न केवल शैक्षणिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह आयोजन विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक पृष्ठभूमि से आए प्रतिभागियों को एक मंच पर लाकर उनके बीच समझ और सहमति को बढ़ावा देता है। आने वाले दिनों में इस सम्मेलन की चर्चाएं और विचार-विमर्श विभिन्न सामाजिक तबकों को प्रभावित करते हुए पूरे प्रदेश और देश में साम्प्रदायिक सौहार्द की भावना को और मजबूती प्रदान करेंगे।

इस सम्मेलन के माध्यम से धर्मों के बीच संवाद और सहयोग को बढ़ावा मिल रहा है, जो न केवल धार्मिक समुदायों के बीच बल्कि समाज के हर वर्ग में सहिष्णुता, शांति और समरसता के लिए आवश्यक है। इस तरह के प्रयासों से समाज में नफरत, भेदभाव और कट्टरता की जड़ें कमजोर होती हैं और एक बेहतर, अधिक समावेशी और सहिष्णु समाज का निर्माण होता है।

समापन में यह कहा जा सकता है कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल का यह ‘इण्टरनेशनल इण्टरफेथ कान्फ्रेन्स’ एक सकारात्मक और प्रेरणादायक पहल है, जो धार्मिक एकता और सामाजिक समरसता के लिए मील का पत्थर साबित होगी। इस आयोजन से न केवल लखनऊ बल्कि पूरे देश में एकता और भाईचारे का संदेश फैलाने में मदद मिलेगी।