
उत्तर प्रदेश में बाढ़ की विकराल स्थिति के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार पूरी तरह सक्रिय नजर आ रही है। लगातार हो रही बारिश और नदियों के बढ़ते जलस्तर के चलते राज्य के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। इन हालात से निपटने के लिए ‘टीम योगी’ ने ग्राउंड ज़ीरो पर डेरा डाल दिया है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राहत और बचाव कार्यों में पूरी सरकारी मशीनरी दिन-रात जुटी हुई है।
सरकार द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार वर्तमान में प्रदेश के 14 जिले बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित हैं, जबकि अब तक कुल 18 जिले बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। प्रभावित जिलों में बलिया, आगरा, प्रयागराज, कानपुर, जालौन, मिर्ज़ापुर, वाराणसी, औरैया, इटावा, फतेहपुर, बांदा सहित अन्य जिले शामिल हैं।
अब तक 4015.99 हेक्टेयर क्षेत्रफल जलमग्न हो चुका है। 905 बाढ़ शरणालयों में 11,248 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राहत कार्यों में 493 नावें और 4,596 प्रीपोजिशन्ड नावें सक्रिय रूप से लगी हैं।
खाद्य सुरक्षा को देखते हुए 76,632 लंच पैकेट और 6,536 राशन पैकेट वितरित किए गए हैं। 757 मेडिकल टीमें और 1,193 बाढ़ चौकियां राहत कार्यों में लगी हैं। संक्रमण से बचाव के लिए 1.29 लाख क्लोरीन टैबलेट और 37,089 ORS पैकेट बांटे गए हैं।

मुख्यमंत्री ने ‘टीम-11’ को एक्टिव मोड में डालते हुए निर्देश दिया है कि वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रात्रि विश्राम करें और जरूरतमंदों की सहायता में कोई कमी न हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि जन-धन की सुरक्षा सर्वोपरि है और सभी प्रशासनिक इकाइयों को अलर्ट मोड में रहना होगा।
प्रयागराज में 19 नावें और मोटर बोट तैनात हैं। यहां 88 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। SDRF और NDRF की 1-1 टीम तथा PAC की 2 टीमें भी तैनात हैं। अब तक 1375 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए जा चुके हैं। यहां की निगरानी नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ कर रहे हैं।
जालौन में 62 नावें, 31 मोटर बोट और 27 बाढ़ चौकियां सक्रिय हैं। यहां स्वतंत्र देव सिंह और संजय गंगवार निरीक्षण में लगे हैं।
औरैया में 26 नावें और मोटर बोट तथा 9 बाढ़ चौकियां तैनात हैं। स्वतंत्र देव सिंह और प्रतिभा शुक्ला राहत गतिविधियों का जायजा ले रहे हैं।
हमीरपुर में 8 नावें और 17 बाढ़ चौकियां तैनात हैं। 1330 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। यहां राहत कार्यों की निगरानी रामकेश निषाद कर रहे हैं।
आगरा में 2 नावें और मोटर बोट तैनात हैं। यहां 47 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। जयवीर सिंह राहत गतिविधियों की निगरानी कर रहे हैं।
मिर्जापुर में 7 नावें, वाराणसी में 23, कानपुर देहात में 30, बलिया में 10 और बांदा में 43 नावें तैनात की गई हैं। बलिया में 5 और बांदा में 47 बाढ़ चौकियां सक्रिय की गई हैं। इन क्षेत्रों में राहत कार्यों की जिम्मेदारी नंद गोपाल गुप्ता, सुरेश खन्ना और संजय निषाद के पास है।
फील्ड में तैनात मंत्रियों की जिम्मेदारियों की बात करें तो प्रयागराज की कमान नंद गोपाल गुप्ता के पास है, जालौन में स्वतंत्र देव सिंह और संजय गंगवार सक्रिय हैं। औरैया में स्वतंत्र देव सिंह और प्रतिभा शुक्ला जिम्मेदारी निभा रहे हैं। हमीरपुर में रामकेश निषाद, आगरा में जयवीर सिंह, मिर्जापुर और बांदा में नंद गोपाल गुप्ता, वाराणसी में सुरेश खन्ना, कानपुर देहात में संजय निषाद, इटावा में धर्मवीर प्रजापति, फतेहपुर में अजीत पाल और बलिया में दयाशंकर ‘दयालु’ को तैनात किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी ने यह सुनिश्चित किया है कि भोजन, पेयजल, दवाइयाँ, पशु चारा और अन्य जरूरी संसाधनों की आपूर्ति बाढ़ प्रभावित इलाकों में नियमित रूप से होती रहे।
राज्य में ड्रोन सर्वे, मोबाइल कंट्रोल रूम, हेल्पलाइन नंबर जैसे डिजिटल साधनों के ज़रिए राहत कार्यों की निगरानी को सशक्त किया जा रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय लगातार जिलाधिकारियों से समन्वय में बना हुआ है।
इस संकट के समय में योगी सरकार का फील्ड में उतरना प्रशासनिक संकल्प और संवेदनशील नेतृत्व का संकेत है। यह कदम आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को एक नई दिशा दे सकता है।