फुटवियर उद्योग को पंख देगी योगी सरकार की नई नीति – ज़मीन, बिजली और पूंजी पर बंपर छूट

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के औद्योगिक विकास को गति देने और युवाओं को बड़े पैमाने पर रोज़गार मुहैया कराने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। पहली बार राज्य सरकार ने फुटवियर और लेदर उद्योग के लिए एक समर्पित नीति – “यूपी फुटवियर नीति” की घोषणा की है। इस नीति के अंतर्गत निवेशकों और उद्यमियों को ज़मीन, बिजली, पूंजी और करों में भारी छूट दी जाएगी, जिससे उत्तर प्रदेश को देश का सबसे बड़ा फुटवियर मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है।

इस नई नीति के तहत ₹150 करोड़ से ₹200 करोड़ तक के निवेश करने वाले उद्योगपतियों को 30% से 50% तक पूंजी सब्सिडी दी जाएगी। इससे नए निवेशकों को वित्तीय राहत मिलेगी और राज्य में उत्पादन इकाइयों की स्थापना आसान होगी।
फुटवियर उद्योग के लिए चयनित ज़िलों—जैसे बुलंदशहर, कानपुर, आगरा, उन्नाव आदि में ज़मीन की दरों पर 35% तक की छूट प्रदान की जाएगी, जिससे भूमि लागत में भारी कटौती होगी।

ऊर्जा की खपत कम दरों पर सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने बिजली दरों में 50% तक की छूट देने का निर्णय लिया है, जो उत्पादन लागत को काफी हद तक कम करेगा।
इसके अलावा, मशीनरी पर लगने वाले GST का आंशिक रिफंड भी इस नीति के तहत उपलब्ध होगा, जिससे टेक्नोलॉजी में निवेश करने वाले उद्यमियों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा।

सरकार का लक्ष्य इस नीति के माध्यम से 10 लाख से अधिक नए रोज़गार के अवसर सृजित करना है। साथ ही, इस क्षेत्र में 700 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश को आकर्षित करना भी लक्ष्य में शामिल है। इससे न केवल राज्य के युवाओं को रोज़गार मिलेगा बल्कि उत्तर प्रदेश की औद्योगिक छवि भी सुदृढ़ होगी।

राज्य सरकार द्वारा 200 नए औद्योगिक क्लस्टर विकसित करने की योजना बनाई गई है, जहां फुटवियर और लेदर से जुड़ी सभी ज़रूरतों को एक ही स्थान पर पूरा किया जाएगा। इससे ‘ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस’ को बल मिलेगा और निवेशकों को हर प्रकार की सुविधा एक ही छत के नीचे मिलेगी।

उद्योग जगत ने इस नीति का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे उत्तर प्रदेश वैश्विक स्तर पर लेदर और फुटवियर उद्योग में अग्रणी बनकर उभरेगा। छोटे, मध्यम और बड़े उद्योगों को इससे भरपूर लाभ होगा।

यह पहल न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई देगी बल्कि उत्तर प्रदेश को “मेक इन इंडिया” और “लोकल फॉर ग्लोबल” अभियान का मुख्य केंद्र भी बना देगी।