सर्दियों की दस्तक के साथ यूपी की सभी 10 रामसर साइट्स प्रवासी पक्षियों से गुलजार

लखनऊ: सर्दियों की शुरुआत के साथ उत्तर प्रदेश की अंतरराष्ट्रीय महत्व वाली सभी 10 रामसर साइट्स एक बार फिर प्रवासी पक्षियों की चहचहाहट और प्राकृतिक सौंदर्य से जीवंत हो उठी हैं। हर वर्ष हजारों किलोमीटर की यात्रा तय कर आने वाले इन दुर्लभ और खूबसूरत पक्षियों का आगमन प्रदेश की आद्रभूमियों को प्राकृतिक वैभव से भर देता है। साथ ही, ईको-टूरिज्म प्रेमियों के लिए यह समय अनूठे अनुभवों से भरपूर रहता है।

उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म विकास बोर्ड इन रामसर साइट्स पर पर्यटक सुविधाओं को उन्नत करने के साथ-साथ संरक्षण कार्यों को गति दे रहा है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि बोर्ड का उद्देश्य प्रकृति संरक्षण के साथ बेहतर, सुरक्षित और आकर्षक पर्यटन अनुभव उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में ईको-टूरिज्म को नई दिशा देने के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं।

आगरा स्थित सूर सरोवर बर्ड सेंक्चुरी में 167.85 लाख रुपए की लागत से पार्किंग एरिया, पाथवे, नेचर ट्रेल, सोविनियर शॉप, वॉच टावर, साइनजेज, शौचालय और आरओ वॉटर कूलर जैसी सुविधाओं का विकास किया गया है। इसी प्रकार मुजफ्फरनगर के हैदरपुर वेटलैंड में 165.71 लाख रुपए की लागत से प्रवेश द्वार, नेचर कैंप, गोल हट, वॉच टावर, कैंटीन, रिसेप्शन और अन्य सुविधाओं को विकसित किया गया है, जिससे यह स्थल पर्यटकों के लिए और अधिक अनुकूल बन गया है।

उन्नाव स्थित नवाबगंज बर्ड सेंक्चुरी में लगभग 280.44 लाख रुपए की लागत से आधुनिक एआर-वीआर डोम का निर्माण तेजी से जारी है। यह अत्याधुनिक सुविधा आगंतुकों को वेटलैंड की जैव-विविधता, प्रवासी पक्षियों और पारिस्थितिकी तंत्र का इमर्सिव अनुभव दिलाने में सक्षम होगी।

उत्तर प्रदेश में कुल 10 रामसर साइट्स—नवाबगंज, पार्वती आर्गा, समान, समसपुर, सांडी, सरसई नावर, सूर सरोवर, ऊपरी गंगा नदी विस्तार, बखिरा वन्यजीव अभ्यारण्य और हैदरपुर वेटलैंड—प्रकृति प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। ये आद्रभूमियां न केवल पर्यावरणीय संतुलन और जैव विविधता संरक्षण में अहम भूमिका निभाती हैं, बल्कि प्रवासी पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियों का सुरक्षित आवास भी हैं।

तमिलनाडु के बाद सर्वाधिक रामसर साइट्स वाले राज्य के रूप में उत्तर प्रदेश ईको-टूरिज्म के मानचित्र पर तेजी से उभर रहा है। यहां आने वाले विदेशी और स्थानीय प्रवासी पक्षी प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता को और अनुपम बना देते हैं। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि प्रदेश की प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करने और उसे विश्व पटल पर पहचान दिलाने के लिए सभी प्रयासों को निरंतर आगे बढ़ाया जा रहा है। आधुनिक सुविधाओं के विकास और संरक्षण कार्यों से उत्तर प्रदेश ईको-टूरिज्म का महत्वपूर्ण केंद्र बन रहा है, जहां हर आगंतुक को प्रकृति से गहरा जुड़ाव महसूस होता है।