यूपी में अगले सात दिन मौसम रहेगा बेहाल, आंधी-बारिश के साथ उमस और लू की दोहरी मार

लखनऊ, 13 जून 2025: उत्तर प्रदेश में मौसम का मिजाज एक बार फिर करवट लेने वाला है। मौसम विभाग, लखनऊ द्वारा जारी सात दिवसीय पूर्वानुमान बुलेटिन के मुताबिक राज्य में 13 जून से 19 जून 2025 तक मौसम का असर आम जनजीवन पर स्पष्ट रूप से दिखेगा। इन सात दिनों में राज्य के कई हिस्सों में गरज-चमक के साथ बारिश, आंधी और तेज़ हवाएं चलेंगी, वहीं कुछ क्षेत्रों में लू और उमस भरी गर्मी से भी लोग परेशान रहेंगे। यह बुलेटिन मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ द्वारा जारी किया गया है जो पूरे प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी उपखंडों के लिए चेतावनी और अनुमान देता है।

13 जून से ही प्रदेश के कई जिलों में मौसम का रंग बदलेगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना जताई गई है। वहीं, पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में भी कुछ स्थानों पर ऐसी ही गतिविधियों के संकेत दिए गए हैं। खास बात यह है कि इन क्षेत्रों में गर्मी और उमस के साथ-साथ आंधी चलने की संभावना को लेकर भी विभाग ने विशेष सतर्कता बरतने को कहा है। मौसम वैज्ञानिकों ने यह भी स्पष्ट किया है कि तेज़ हवाओं की रफ्तार 30 से 50 किमी प्रति घंटा तक जा सकती है, जिससे पेड़ गिरने, बिजली आपूर्ति बाधित होने और यात्रा में परेशानी की आशंका जताई गई है।

14 जून को भी स्थिति बहुत अधिक नहीं बदलेगी। गर्मी और उमस का प्रकोप जारी रहेगा, विशेषकर दोपहर के समय। पश्चिमी यूपी में कुछ जगहों पर उमस भरी गर्मी और लू की स्थिति बनी रह सकती है। गरज-चमक के साथ हल्की बारिश की संभावना भी जताई गई है। इस दिन बिजली गिरने की संभावना को भी विभाग ने नजरअंदाज नहीं किया है। पूर्वी यूपी में भी गरज-चमक के साथ बौछारें और 30–40 किमी/घंटा की रफ्तार से हवा चलने के संकेत हैं। लोगों को घरों से बाहर निकलने से पहले मौसम की जानकारी लेने की सलाह दी गई है।

15 जून से स्थिति थोड़ी सक्रिय होती दिखाई दे रही है। बारिश की संभावना में थोड़ी वृद्धि देखी जा सकती है, विशेष रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश में। पूर्वांचल के जिलों में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और कुछ जगहों पर मध्यम बारिश हो सकती है। गरज-चमक के साथ बिजली गिरने और तेज हवाओं की संभावना को देखते हुए खेतों में काम कर रहे किसानों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। तेज हवाओं की रफ्तार इस दिन 50 किमी/घंटा तक हो सकती है। ग्रामीण इलाकों में खुले में रहने वाले लोगों और पशुपालकों को विशेष सावधानी रखने की जरूरत है।

16 और 17 जून को बारिश का दायरा और अधिक फैल सकता है। विशेषकर पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में बारिश की तीव्रता और व्यापकता में वृद्धि का पूर्वानुमान है। इन दो दिनों में पश्चिमी यूपी में भी कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने 40–50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चलने की संभावना जताई है। इन हालातों में पेड़ों और कच्चे मकानों को नुकसान हो सकता है। साथ ही विद्युत व्यवस्था भी बाधित हो सकती है। इस दौरान भारी बारिश के कारण निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को विशेष सतर्कता की आवश्यकता होगी।

18 और 19 जून को पूर्वानुमान और भी गंभीर होता दिख रहा है। विभाग का कहना है कि इन दो दिनों में प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है। गरज-चमक के साथ वर्षा, बिजली गिरने और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की गई है। बारिश के दौरान 40–50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है, जिससे यातायात, आवागमन और विद्युत आपूर्ति पर गहरा असर पड़ सकता है। शहरों में पानी भरने, ट्रैफिक जाम और परिवहन सेवाओं में विलंब जैसी समस्याएं आम हो सकती हैं। मौसम वैज्ञानिकों ने खास तौर पर कहा है कि इन दो दिनों के लिए राज्य प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग को पूरी तरह सतर्क रहना चाहिए।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मानसून की आहट पहले ही महसूस की जा रही थी, लेकिन अब यह साफ हो गया है कि प्रदेश का अधिकांश हिस्सा आगामी सप्ताह में मानसूनी गतिविधियों की चपेट में रहेगा। बारिश के इन झोंकों से जहां एक ओर गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है, वहीं दूसरी ओर असमय वर्षा और आंधी से फसलें और जन-जीवन प्रभावित हो सकता है। विशेषकर धान की बुआई के लिए तैयार हो रहे किसान इन दिनों मौसम की मार से चिंतित हैं। खेतों में पानी भरने और तेज हवाओं से फसल को नुकसान पहुंच सकता है।

विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि खराब मौसम के दौरान गैर-ज़रूरी यात्राओं से बचें। बिजली गिरने के दौरान खुले मैदानों, पेड़ों और टेलीफोन टावर जैसी ऊंची संरचनाओं से दूर रहें। किसान खेतों में काम करने से पहले मौसम का पूर्वानुमान अवश्य जांच लें। विद्यार्थियों और कर्मचारियों को भी यात्रा के दौरान सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। स्कूलों और सार्वजनिक संस्थानों में आपातकालीन योजना तैयार रखने की सिफारिश की गई है।

मौसम विभाग के अनुसार, यह पूर्वानुमान और चेतावनी प्रतिदिन सुबह 8:30 बजे से अगले दिन सुबह 8:30 बजे तक प्रभावी रहेगा। यह चेतावनी वैज्ञानिक मापन और भारतीय समयानुसार अद्यतन आंकड़ों पर आधारित है। विभाग ने चेतावनी रंग संकेतों के साथ दी है—हरे रंग का मतलब सामान्य स्थिति, पीला – ध्यान देने योग्य स्थिति, नारंगी – सावधानी जरूरी, और लाल – गंभीर आपातकाल। इन चेतावनियों का पालन करना जनहित में आवश्यक है।

लखनऊ के मौसम विज्ञान केंद्र ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे मौसम संबंधी चेतावनियों का पालन करें, मौसम अपडेट्स पर नजर बनाए रखें और जरूरत पड़ने पर आपदा प्रबंधन नंबरों से संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए नागरिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के नंबर 0522-2436283 पर कॉल कर सकते हैं या mclucknow@gmail.com पर ईमेल भेज सकते हैं।

अंत में कहा जा सकता है कि उत्तर प्रदेश के नागरिकों को आगामी सप्ताह के लिए पूरी सतर्कता के साथ तैयार रहना चाहिए। जहां एक ओर यह सप्ताह मानसून के आगमन की आहट लेकर आया है, वहीं दूसरी ओर यह आंधी, बारिश और बिजली गिरने जैसी आपदाओं के भी संकेत दे रहा है। सही जानकारी, सतर्कता और प्रशासन की तत्परता ही इस समय में सुरक्षा की कुंजी साबित हो सकती है।