अमर भारती : देश में आजकल महिलाओं के खिलाफ अपराधिक मामले बढ़ते ही जा रहे है और स्थिति में भी कोई बदलाव होता नजर नहीं आ रहा है। लेकिन पिछले दिनों महिलाओं के साथ जो हादसे हुए उससे सीख लेते हुए अब उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में कानून के हाथ मजबूत करने के लिए 218 फास्ट ट्रैक कोर्ट बानने का फैसला किया है।
दरअसल महिलाओं की सुरक्षा को लेकर इन दिनों देशभर में काफी बवाल मचा हुआ है और लोग अब तुरंत न्याय की मांग कर रहे है। फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने के लिए जो भी खर्च आएगा वो केंद्र और राज्य सरकार मिलकर देंगी। इन में से कुछ कोर्ट बच्चों से जुड़े मामलों की भी सुनवाई करेंगे जबकि बाकी सभी फास्ट ट्रैक कोर्ट महिलाओं के लटके हुए केस की सुनवाई करेंगे।
बता दें कि प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। इस समय भी राज्य में बच्चों के 42,379 और महिलाओं से जुड़े 25,749 अपराध के मामले दर्ज है। इस प्रस्ताव में 74 पॉक्सों कोर्ट खोलने की भी बात कही गई है। फास्ट ट्रैक कोर्ट खुलने के बाद इन सभ मामलों पर जल्द सुनवाई हो सकेगी।
जाहिर है कि इस फैसले का मकसद केवल दोषियों को जल्द सजा दिलवाना है, ताकी महिलाओं सामज में अपना सिर उठाकर चल सके। साथ ही इससे अपराधियों में भी इस बात का डर बैठेगा और महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ सकेगा।