रेमडेसिवीर से लेकर ऑक्सीजन तक में निगरानी और समीक्षा जारी

नई दिल्ली। भारत सरकार ने विभिन्न राज्यों और केंद्र के सामने आने वाले मुद्दों के समाधान के लिए अनेक कदम उठाए हैं। केंद्र सरकार द्वारा समग्र रूप से उठाए गए इन सक्रिय उपायों की नियमित रूप से उच्चतम स्तर पर समीक्षा और निगरानी भी की जा रही है।

कालाबाज़ारी के ख़िलाफ़ उठाएं सख़्त कदम

अस्पतालों में गंभीर कोविड-19 रोगियों की संख्या के बढ़ने से प्रभावी नैदानिक प्रबंधन के लिए रेमडेसिवीर की मांग में वृद्धि हुई है, जबकि राज्यों को सलाह दी गई है कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इस दवा के विवेकपूर्ण उपयोग को ही बढ़ावा दिया जाए, क्योंकि इसे एक जांच चिकित्सा के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। राज्यों को दवा की संभावित जमाखोरी और कालाबाजारी के खिलाफ कार्रवाई करने की भी सलाह दी गई है।

20 अतिरिक्त विनिर्माण स्थलों को मंजूरी

कोविड-19 चिकित्सा के लिए आवश्यक रेमडेसिवीर इंजेक्शन की मांग में देश में अचानक हुई वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, घरेलू रेमडेसिवीर निर्माताओं की विनिर्माण क्षमता में वृद्धि की गई है। इस प्रयास में सरकार द्वारा निर्माताओं को सभी तरह की सहायता दी जा रही है। उत्पादन क्षमता के मौजूदा स्तर को प्रति माह 38 लाख शीशियों से बढ़ाकर 74 लाख शीशी प्रति माह किया जा रहा है और 20 अतिरिक्त विनिर्माण स्थलों को मंजूरी दी गई है। घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने के लिए बीती 11 अप्रैल, 2021 को रेमडेसिवीर का निर्यात भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।

30 अप्रैल तक रेमडेसिवीर का अंतरिम आवंटन

देश के कुछ क्षेत्रों में रेमडेसिवीर की कमी की रिपोर्ट और इसकी सुचारू अंतर-राज्यीय आपूर्ति की सुविधा हेतु, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा औषध विभाग के साथ समन्वय के माध्यम से 19 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लिए 30 अप्रैल, 2021 तक रेमडेसिवीर का अंतरिम आवंटन किया गया है।

जहाँ ऑक्सीजन वहीं रेमडेसिवीर

चूँकि रेमडेसिवीर कोविड-19 के गंभीर मामलों में दी जाने वाली एक जांच चिकित्सा औषधि है, जिसमें ऑक्सीजन की सहायता होना आवश्यक है, इसलिए यह आवंटन उन 14 राज्यों के लिए किया गया है, जिन्हें चिकित्सा ऑक्सीजन भी आवंटित की गई है और 5 अन्य राज्यों में जहां इसकी आपूर्ति की उच्च आवश्यकता महसूस की जा रही है।

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