मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आदिकवि महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर आयोजित प्रकट दिवस समारोह में हुए शामिल

लखनऊ, 07 अक्टूबर 2025। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर आयोजित प्रकट दिवस समारोह में भाग लिया और महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने हमारे मन में समाज के प्रति समर्पण का भाव उत्पन्न किया, यही समर्पण का भाव “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की परिकल्पना को साकार करता है। भगवान वाल्मीकि ने न केवल मनुष्य के सांसारिक उत्कर्ष का मार्ग प्रशस्त किया, बल्कि उसकी मुक्ति का भी पथ बताया। पूरा मानव समाज उनके प्रति कृतज्ञ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान वाल्मीकि ने भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम की संज्ञा दी और उनके द्वारा वर्णित श्रीराम का चरित्र हर काल और देश में प्रासंगिक है। श्रीराम के आदर्श जीवन से हम यह सीखते हैं कि एक भाई का दूसरे भाई से, पुत्र का पिता से, माता का पुत्र से, और राजा का प्रजा से कैसा संबंध होना चाहिए। भगवान श्रीराम ने हर कार्य की मर्यादा तय की और यह मर्यादा ही समाज की स्थिरता का आधार है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की ऋषि परंपरा ने हर युग में समाज का मार्गदर्शन किया है। महर्षि वाल्मीकि ने रामायण काल में, वेदव्यास ने महाभारत काल में, संत रविदास ने मध्यकाल में, और बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने आधुनिक काल में समाज को दिशा दी। यही ऋषि परंपरा आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “एक भारत श्रेष्ठ भारत” और “सबका साथ, सबका विकास” के मंत्र के रूप में आगे बढ़ रही है। यह दृष्टि भारत की सांस्कृतिक जड़ों से निकली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राम राज्य वही है जहाँ जाति, मत, मजहब या सम्प्रदाय के नाम पर कोई भेदभाव न हो। संत रामानंद ने कहा था—“जाति पांति पूछे नहिं कोई, हरि को भजे सो हरि का होई।” डबल इंजन की सरकार इसी भावना से कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के कन्नौज में स्थित मेडिकल कॉलेज का नाम पुनः बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के नाम पर रखा गया है, ताकि आने वाली पीढ़ियां उनके योगदान से प्रेरणा ले सकें।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में बाबा साहब से जुड़े पंचतीर्थों का विकास किया गया है। दिल्ली में बाबा साहब की स्मृति में अंतरराष्ट्रीय केंद्र का निर्माण हुआ है। मुंबई में उनकी सबसे बड़ी मूर्ति स्थापित की गई है और महू, नागपुर व लंदन में भी उनके जीवन से जुड़े स्थलों को संरक्षित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अयोध्या इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम महर्षि वाल्मीकि के नाम पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश ने सिर पर मैला ढोने की अमानवीय प्रथा को समाप्त किया है। अब सफाई कर्मियों को सम्मानजनक मानदेय और सामाजिक सुरक्षा दी जा रही है। गांव-गांव सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं और स्वच्छता मित्रों को नियमित वेतन पर रखा गया है।

उन्होंने कहा कि अब सफाई और संविदा कर्मियों को वेतन का भुगतान आउटसोर्सिंग कंपनियों के माध्यम से नहीं बल्कि सीधे नगर निगम और कॉरपोरेशन द्वारा उनके बैंक खातों में किया जाएगा। सरकार ने स्वच्छता कर्मियों को पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करने का निर्णय लिया है। किसी दुर्घटना की स्थिति में उनके परिवार को 35 से 40 लाख रुपये तक की सहायता राशि दी जाएगी। अभी तक 80 हजार होमगार्ड जवानों को भी यह बीमा कवर दिया जा चुका है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सफाई कर्मियों की सुरक्षा समाज की सुरक्षा है। उनका सम्मान भगवान वाल्मीकि की विरासत का सम्मान है। सफाई कर्मी अपने बच्चों को शिक्षा दें, ताकि वे समाज को आगे बढ़ाने में नेतृत्व कर सकें। कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता। समाज की स्वच्छता और व्यवस्था बनाए रखने में सफाई कर्मियों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इन कर्मियों ने कठिन परिस्थितियों में भी समाज में सौहार्द और एकता बनाए रखी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीराम मंदिर में स्थापित सप्तऋषियों के मंदिरों में से एक मंदिर भगवान वाल्मीकि का भी है। यह हमारी ऋषि परंपरा और समाज के प्रति वाल्मीकि के योगदान का सम्मान है। उन्होंने समाज से आह्वान किया कि लोग घर-घर जाकर भगवान वाल्मीकि और भगवान श्रीराम के जीवन मूल्यों से सबको अवगत कराएं। यही भाव समाज को सशक्त बनाता है।

कार्यक्रम में महर्षि वाल्मीकि के जीवन चरित्र पर आधारित एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गई, जिसने उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान वाल्मीकि का जीवन समाज में समानता, मर्यादा और समरसता का संदेश देता है।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, विधान परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह चौधरी, लालजी प्रसाद निर्मल, सांसद डॉ. दिनेश शर्मा, बृजलाल, अनूप प्रधान वाल्मीकि और लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि भगवान वाल्मीकि की जयंती का यह अवसर समाज को प्रेरणा देता है कि हम सब मिलकर “एक भारत श्रेष्ठ भारत” के संकल्प को साकार करें। जब हर व्यक्ति अपने कर्तव्य को समर्पण भाव से निभाएगा, तभी राष्ट्र सशक्त और समृद्ध बनेगा।