वीर बाल दिवस राष्ट्रप्रेम, साहस, धर्म रक्षा और त्याग की प्रेरणा देता है: श्रीकांत शर्मा

कोसीकला। वीर बाल दिवस सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों के अविस्मरणीय बलिदान की स्मृति में मनाया जाता है। इस अवसर पर गुरुद्वारा साहिब में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए पूर्व ऊर्जा मंत्री एवं विधायक पंडित श्रीकांत शर्मा ने कहा कि साहिबजादों का बलिदान सदियों तक राष्ट्र की आत्मा को मार्गदर्शन देता रहेगा। वीर बाल दिवस हमें राष्ट्रप्रेम, साहस, धर्म रक्षा और त्याग जैसे मूल्यों को अपने जीवन में आत्मसात करने की प्रेरणा देता है।
कार्यक्रम की शुरुआत गुरुद्वारा साहिब में चारों साहिबजादों की शहादत की वीर गाथा से हुई। गुरुद्वारे के ज्ञानी बलदेव सिंह ने बताया कि गुरु गोविंद सिंह के बड़े साहिबजादे बाबा अजीत सिंह और बाबा जुझारू सिंह ने मुगलों के खिलाफ चमकौर के युद्ध में लड़ते हुए वीरगति प्राप्त की। वहीं माता गुजरी देवी के साथ छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह को मुगल सैनिकों ने पकड़ लिया। धर्मांतरण का दबाव डालने के बावजूद जब दोनों साहिबजादों ने धर्म परिवर्तन से इनकार किया तो उन्हें जिंदा दीवार में चिनवा दिया गया। इस अमानवीय कृत्य के बाद माता गुजरी देवी ने ठंडे बुर्ज में प्राण त्याग दिए।
संगोष्ठी में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष माथा टेककर श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्य अतिथि पंडित श्रीकांत शर्मा ने कहा कि हम वर्षों से बाल दिवस मनाते आए हैं, लेकिन 26 दिसंबर के वीर बाल दिवस को लंबे समय तक भुला दिया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 9 जनवरी 2022 को श्री गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा के बाद पूरे देश में यह दिवस श्रद्धा और गौरव के साथ मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वीर बाल दिवस केवल स्मरण का दिन नहीं है, बल्कि यह बच्चों और युवाओं के भीतर राष्ट्रभक्ति और आत्मसम्मान की ज्योति प्रज्वलित करने का अवसर है। साहिबजादों की शहादत यह संदेश देती है कि सत्य और धर्म की रक्षा में आयु नहीं, बल्कि दृढ़ संकल्प सबसे बड़ा होता है।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन कोसी मंडल संयोजक सौरभ जैन ने किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रतिनिधि नरदेव चौधरी, डॉ. अमर सिंह पूनिया, कमल किशोर वार्ष्णेय, नगर पालिका अध्यक्ष धर्मवीर अग्रवाल, पप्पू सरदार, सरदार बलवीर सिंह, दीपक बडगूजर, विनय उपाध्याय, कन्हैयालाल गोयल, सतवीर सांगवान सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं गणमान्य लोग उपस्थित रहे।