जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार गरीबों को आवास योजना के माध्यम से छत देने का काम करती है वहीं दूसरी तरफ जनपद के अधिकारियों के द्वारा गरीबों और मजदूरों के मेहनत से बने घरों को गिराने का काम किया गया है पूरा मामला बांदा जनपद के शहर कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत पथरिया गांव का है जहां के रहने वाले ग्रामीणों के द्वारा आज जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपने का काम किया गया है ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया है कि विगत माह 17 दिसंबर को जिला प्रशासन के द्वारा बिना किसी नोटिस के उनके मकानों को गिराने का काम किया गया है इतना ही नहीं जब प्रशासन के द्वारा उनके मकान गिराए गए तो उन्हें घर के उपयोग में लाए जाने वाले सामानों को निकालने का तक मौका नहीं दिया जिसकी वजह से यह सभी लोग बेघर हो चुके हैं इस कड़कड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे अपने बच्चों को लेकर रहने के लिए मजबूर हैं ना तो यह मजदूरी करने जा पा रहे हैं और ना ही अपने बच्चों का पेट पाल पा रहे हैं इसके पहले भी इनके द्वारा जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया था तो जिला अधिकारी के द्वारा आश्वासन देते हुए यह कहा गया था कि जल्द ही आप लोगों को सरकारी आवास उपलब्ध करा दिए जाएंगे लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि प्रतिदिन मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालने वाले लोग घर से बेघर हो जाने के बाद मजदूरी भी नहीं कर पा रहे हैं जिसकी वजह से इन सभी के परिवार भुखमरी की कगार पर आ गए हैं।