Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wp-statistics domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the updraftplus domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114
ग्रामीणों ने लगाई जिलाधिकारी से आवास की गुहार- Amar Bharti Media Group राज्य, उत्तर प्रदेश

ग्रामीणों ने लगाई जिलाधिकारी से आवास की गुहार

जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार गरीबों को आवास योजना के माध्यम से छत देने का काम करती है वहीं दूसरी तरफ जनपद के अधिकारियों के द्वारा गरीबों और मजदूरों के मेहनत से बने घरों को गिराने का काम किया गया है पूरा मामला बांदा जनपद के शहर कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत पथरिया गांव का है जहां के रहने वाले ग्रामीणों के द्वारा आज जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपने का काम किया गया है ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया है कि विगत माह 17 दिसंबर को जिला प्रशासन के द्वारा बिना किसी नोटिस के उनके मकानों को गिराने का काम किया गया है इतना ही नहीं जब प्रशासन के द्वारा उनके मकान गिराए गए तो उन्हें घर के उपयोग में लाए जाने वाले सामानों को निकालने का तक मौका नहीं दिया जिसकी वजह से यह सभी लोग बेघर हो चुके हैं इस कड़कड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे अपने बच्चों को लेकर रहने के लिए मजबूर हैं ना तो यह मजदूरी करने जा पा रहे हैं और ना ही अपने बच्चों का पेट पाल पा रहे हैं इसके पहले भी इनके द्वारा जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया था तो जिला अधिकारी के द्वारा आश्वासन देते हुए यह कहा गया था कि जल्द ही आप लोगों को सरकारी आवास उपलब्ध करा दिए जाएंगे लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि प्रतिदिन मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालने वाले लोग घर से बेघर हो जाने के बाद मजदूरी भी नहीं कर पा रहे हैं जिसकी वजह से इन सभी के परिवार भुखमरी की कगार पर आ गए हैं।