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अचानक अरब सागर में दिखने लगे जंगी जहाज़, लड़ाकू विमान, जानिए क्या है पूरा मामला- Amar Bharti Media Group अन्तर्राष्ट्रीय

अचानक अरब सागर में दिखने लगे जंगी जहाज़, लड़ाकू विमान, जानिए क्या है पूरा मामला

भारत -फ्रांस के बीच अरब सागर में नौसैन्य अभ्यास शुरू

नई दिल्ली। भारत और फ्रांस की नौसेनाओं के बीच रविवार को द्विपक्षीय अभ्यास ‘वरुण-2021’ के 19वें संस्करण की शुरुआत हो गई है। यह अभ्यास अरब सागर में 27 अप्रैल तक चलेगा। यह अभ्यास दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच तालमेल और सहयोग के बढ़ते स्तर को दर्शाएगा।

चीन से निपटने के लिए बेहद जरूरी

यह उच्च स्तरीय नौसेनिक अभ्यास हिन्द महासागर में चीन की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए बेहद महत्‍वपूर्ण माना जा रहा है। भारत और फ्रांस के संबंध विशेष तौर पर आतंकवाद, रक्षा, परमाणु और अंतरिक्ष जैसे मुद्दों पर पारंपरिक रूप से काफी अच्छे रहे हैं।

ये जंगी जहाज, पनडुब्बी, लड़ाकू विमान लेंगे हिस्सा

इस नौसैन्य अभ्यास में भारतीय नौसेना की तरफ से गाइडेड मिसाइल स्टील्थ डिस्ट्रॉयर आईएनएस कोलकाता, गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट्स आईएनएस तारक, आईएनएस तलवार, फ्लीट सपोर्ट शिप आईएनएस दीपक और चेतक इंटी ग्रेटेड हेलीकॉप्टर, कलवरी क्लास पनडुब्बी और पी8आई लॉन्ग रेंज मैरीटाइम पैट्रोल एयरक्राफ्ट शामिल होंगे। इसी तरह फ्रांसीसी नौसेना का प्रतिनिधित्व उसके विमानवाहक पोत चार्ल्स-डी-गॉले का राफेल-एम फाइटर जेट्स और ई 2 सी हॉकी विमान, शेवेलियर पॉल, एक्विटेन-क्लास मल्टी-मिशन फ्रिगेट प्रोवेंस और टैंकर वार कर रहे हैं। भारतीय पक्ष का नेतृत्व पश्चिमी कमान के फ्लैग ऑफिसर रियर एडमिरल अजय कोचर करेंगे जबकि फ्रांसीसी पक्ष का नेतृत्व टास्क फोर्स 473 के कमांडर रियर एडमिरल मार्क औसादत कर रहे हैं।

एकीकृत बल के रूप में क्षमता प्रदर्शन

इस तीन दिवसीय अभ्यास में समुद्र में उच्च गति के नौसेना-संचालन दिखाई देंगे, जिनमें उन्नत वायु रक्षा और पनडुब्बी-रोधी अभ्यास, तीव्र निश्चित और रोटरी विंग उड़ान संचालन, सामरिक युद्धाभ्यास, सतह और वायु-रोधी हथियार फेरिंग, भूमिगत प्रतिकृति और अन्य समुद्री सुरक्षा संचालन शामिल हैं। दोनों नौसेनाओं की इकाइयां समुद्री क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत बल के रूप में अपनी क्षमता प्रदर्शित करने के साथ ही अपने युद्ध-लड़ने के कौशल को बढ़ाने का प्रयास करेंगी। इससे पहले भारतीय और फ्रांसीसी नौसेनाओं ने अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं के साथ 5 अप्रैल से 7 अप्रैल के बीच बंगाल की खाड़ी में ‘ला पेरेस’ अभ्यास में भाग लिया था।

नौसेनाओं के साझा मूल्यों को बढ़ाने में मददगार

प्रवक्ता के मुताबिक ‘वरुण-2021’ अभ्यास पूरा होने के बाद भारतीय नौसेना की निर्देशित मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस तारक 28 अप्रैल से 1 मई 2021 तक फ्रांसीसी नौसेना के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (सीएसजी) के साथ अभ्यास करना जारी रखेगी। इस अवधि के दौरान आईएनएस तारक फ्रांसीसी सीएसजी के साथ उन्नत सतह, पनडुब्बी रोधी और वायु-रक्षा कार्यों में भाग लेगा। वरुण-21 दो मैत्रीपूर्ण नौसेनाओं के बीच तालमेल, समन्वय और अंतर-संचालन के स्तर को बढ़ाने के साथ ही दोनों देशों की नौसेनाओं के साझा मूल्यों को आगे बढ़ा ने मदद करेगा। यह अभ्यास समुद्र की स्वतंत्रता, समावेशी इंडो-पैसिफिक और एक नियम-आधारित अंतर राष्ट्रीय आदेश के प्रति प्रतिबद्धता सुनिश्चित करता है।

नौसेना प्रवक्ता के मुताबिक यह उच्च स्तरीय नौसेनिक अभ्यास हिन्द महासागर में चीन की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए बेहद महत्‍वपूर्ण है। भारत और फ्रांस के संबंध विशेष तौर पर आतंकवाद, रक्षा, परमाणु और अंतरिक्ष जैसे मुद्दों पर पारंपरिक रूप से काफी अच्छे रहे हैं। दोनों देशों की सेनाओं के बीच कुल तीन सैन्य अभ्यास आयोजित किए जाते हैं, जिनमें अभ्यास वरुण (नौसेना), अभ्यास गरुण (वायुसेना) और अभ्यास शक्ति (थल सेना) हैं।

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