कांग्रेस सांसद शशि थरूर और शिवसेना राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने गणतंत्र दिवस के परेड को कैंसिल करने की मांग की है. शशि थरूर ने कहा है कि अब जब इस साल गणतंत्र दिवस परेड में कोई मुख्य अतिथि नहीं आ रहा है तो क्यों न हम पूरे जश्न को ही कैंसिल कर दें. थरूर की इस टिप्पणी पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का नाम लेकर तंज कसा और कहा कि राहुल गांधी ने अपना जश्न कैंसिल नहीं किया.
बता दें कि हर साल 26 जनवरी के मौके पर देश की राजधानी दिल्ली के राजपथ पर भारत अपनी संस्कृति और शौर्य का प्रदर्शन करता है. हर साल इस कार्यक्रम में एक विदेशी राष्ट्राध्यक्ष बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित होते हैं. इस साल के मुख्य अतिथि ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन थे. लेकिन ब्रिटेन में कोरोना के नए वायरस की लहर की वजह से उन्होंने भारत का अपना दौरा रद्द कर दिया है. अब इस बार का गणतंत्र दिवस समारोह बिना मेहमान के होगा.
इस बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पूरे कार्यक्रम को ही रद्द करने की मांग की है. थरूर ने ट्वीट कर कहा कि अब जब ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन का इस महीने का भारत दौरा कोरोना लहर की वजह से रद्द हो गया है और इस बार गणतंत्र दिवस पर कोई चीफ गेस्ट नहीं रहने वाला है. तो क्यों न एक कदम आगे बढ़कर इस पूरे कार्यक्रम को ही रद्द कर दिया जाए.
थरूर ने ट्वीट किया, “क्यों न एक कदम आगे जाकर गणतंत्र दिवस के जश्न को ही कैंसिल कर दिया जाए, परेड को देखने के लिए हमेशा की तरह भीड़ को बुलाना गैरजिम्मेदारी भरा रवैया होगा.”
थरूर के इस ट्वीट पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने तीखा व्यंग्य किया है. पात्रा इस बहस में राहुल गांधी को खींचा और कांग्रेस सांसद पर हमला किया. पात्रा ने ट्वीट किया, “श्रीमान थरूर गणतंत्र दिवस का परेड कोई आम ‘त्योहार’ नहीं है कि इसे रद्द कर दिया जाना चाहिए. इसके अलावा राहुल ने तो अपने उत्सव को कैंसिल नहीं किया और उनका दूर के गंतव्यों में जाना जारी रहता है, लेकिन कांग्रेस चाहती है कि रिपब्लिक डे परेड को रद्द कर दिया जाए.”
वहीं शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी गणतंत्र दिवस परेड को रद्द करने की मांग की है. प्रियंका ने कहा है कि जब कोविड एक साल से देश में अवांछित मेहमान बना हुआ है तो ये सबसे अच्छा होता कि इस तरह का धूमधाम और दिखावा को बंद कर दिया जाता. एक बार जब इस अनचाहे मेहमान की विदाई हो जाती तो पूरे गौरव के साथ न कि आत्मगौरव के लिए इस त्योहार को फिर से मनाया जाता.