कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्र्डूो ने इस्लामिक कट्टरपंथ और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर चल रही बहस पर अपनी राय दी है. कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने शुक्रवार को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का बचाव किया लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि इसकी भी एक सीमा है. कनाडाई पीएम ने कहा कि किसी भी समुदाय की भावनाओं को गैर-जरूरी रूप से और जानबूझकर आहत नहीं करना चाहिए.
ट्र्डूो से फ्रांस की व्यंग्यात्मक मैगजीन शार्ली हेब्दो में छपे पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को लेकर सवाल किया गया था. ट्रडूो ने कहा, हम हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का बचाव करेंगे. लेकिन ऐसा नहीं है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की कोई हद नहीं है. हमें दूसरों के प्रति सम्मान जाहिर करना चाहिए और जिनके साथ हम इस समाज और धरती को साझा कर रहे हैं, उन्हें जानबूझकर ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए.
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ट्र्डूो ने कहा, हम अपनी आजादी के नाम पर पैनिक क्रिएट नहीं कर सकते हैं. हर चीज की हमेशा एक हद होती है. कनाडाई पीएम ने कहा कि बोलने की आजादी का सतर्कतापूर्ण इस्तेमाल होना चाहिए.
वहीं, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पैगंबर मोहम्मद के कार्टून छपने के फैसले का मजबूती से बचाव किया था. मैक्रों ने कहा था कि कुछ भी हो जाए, वो झुकने वाले नहीं हैं.
कनाडाई पीएम ने कहा, विविधतापूर्ण और सभ्य समाज में ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने शब्दों के असर को लेकर सतर्क रहें.
हमें अपने कामों के दूसरों पर असर, खासकर उस समुदाय और आबादी पर पड़ने वाले नतीजे को देखें जो पहले से ही भेदभाव का शिकार है. हालांकि, ट्रूडो ने कहा कि जिम्मेदार तरीके से ऐसे जटिल मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए.
फ्रांस के नीस शहर के चर्च में गुरुवार को हुए हमले में तीन लोगों की मौत हो गई थी. इस हमले को ट्यूनीशिया के एक नागरिक ने अंजाम दिया था जिसे बाद में गिरफ्तार कर लिया गया. कनाडा की संसद में गुरुवार को पीड़ितों के लिए एक मिनट का मौन रखा गया.
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ट्रूडो ने फ्रांस में हुए हमले की कड़ी निंदा की थी. उन्होंने कहा था, कनाडा इन हमलों की कड़ी निंदा करता है और इस मुश्किल घड़ी में अपने फ्रेंच दोस्तों के साथ खड़ा है.
फ्रांस में इसी महीने क्लासरूम में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाने वाले एक टीचर की भी हत्या कर दी गई थी. मैक्रों ने इसे इस्लामिक आतंकवादी हमला करार दिया था.
कई देशों में फ्रांस के राष्ट्रपति के बयान को इस्लामोफोबिया बढ़ाने वाला करार दिया गया और फ्रांस के सामान के बहिष्कार की अपील भी की गई.
फ्रांस के राष्ट्रपति के शार्ली हेब्दो मैगजीन में छपे पैगंबर मोहम्मद के कार्टून का लगातार बचाव करने की वजह से मुस्लिम दुनिया के तमाम देशों में भारी नाराजगी है. मैक्रों ने फ्रांस में इस्लामिक कट्टरपंथ पर नकेल कसने की बात भी कही थी.
फ्रांस के नीस शहर में हुए हमले के बाद मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने इसे लेकर भड़काऊ ट्वीट किए थे.
महातिर ने कहा था कि फ्रांस में अतीत में नरसंहार को देखते हुए मुस्लिमों को बदला लेने और फ्रेंच को मारने का पूरा हक है लेकिन मुस्लिमों ने कभी ऐसा किया नहीं. विवाद बढ़ने पर महातिर ने सफाई पेश की और कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया.