पिछले 20 दिनों से दिल्ली के नाकों पर पंजाब, हरियाणा और कुछ दूसरे राज्य के किसानों का धरना-प्रदर्शन चल रहा है. किसान ऑर्डिनेंस के जरिए बनाए गए तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग कर रहे हैं. किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद किया था. इस प्रदर्शन के दौरान केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच कई दौर की वार्ता हुई, लेकिन बात नहीं बनी. किसान तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं जबकि केंद्र सरकार उसमें कुछ संशोधन को तैयार है. सरकार कानून को किसानों के हित में बता रही है.
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी यह बात दोहराई कि नए कानून किसानों के हित में हैं. अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार ने पिछले पांच साल में किसानों की आमदनी दोगुना करने का प्रयास किया है. हम 2022 तक किसानों की आय दोगुना करेंगे. इसलिए तीनों कृषि बिल लाए गए थे. जो सरकारें पिछले 70 साल में यह काम नहीं कर पाईं उसे मोदी सरकार ने कर दिखाया.
अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने कृषि मंत्रालय का नाम बदलकर कृषि कल्याण मंत्रालय रखा. पीएम किसान योजना खाते में छह-छह हजार रुपये डालते हैं. हमने अन्नदाता को ऊर्जादाता भी बनाया है. हमारा प्रयास है कि किसान को केवल एक जगह बांधकर न रखा जाए, अगर कोई व्यापारी अपना माल देश के किसी भी कोने में बेच सकता है तो यह आजादी किसानों को क्यों नहीं मिलनी चाहिए थी?
अनुराग ठाकुर ने कहा कि किसान को सच्ची आजादी तो अब मिली है. अब वो देश के किसी हिस्से में किसी को भी अपनी फसल बेच सकता है. और सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसान की जमीन पर कोई कब्जा न कर सके. व्यापारी को केवल फसल पैदा करने और उसे काटने का अधिकार होगा. अगर व्यापारी किसान की जमीन पर कोई निर्माण करता है तो कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद उसे अपना वेयर हाउस और पूरा ढांचा हटाना पड़ेगा.
अनुराग ठाकुर ने कहा कि हमें लगता है कि किसानों को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है. कुछ लोग 2022 को चुनाव के रूप में देखते हैं लेकिन हम 2022 को किसानों की आमदनी को दोगुना करने के रूप में देखना चाहते हैं.
किसानों को समझा पाने में सरकार क्यों सफल नहीं हो पा रही. इस सवाल के जवाब में अनुराग ठाकुर ने कहा कि संसद सत्र में सभी से सलाह लेकर बिल पास किया गया है लेकिन कुछ लोग किसानों के कंधे के जरिये राजनीत कर रहे हैं. कुछ लोगों द्वारा किसानों को गुमराह किया जा रहा है. लेकिन किसान इस बात को समझेंगे और विपक्षियों को परास्त करेंगे.