कोरोना महामारी के बीच दर्शकों की स्टेडियम में वापसी वाले इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सपाट पिच पर छह विकेट पर 374 रन बनाये. जवाब में भारतीय टीम आठ विकेट पर 308 रन ही बना सकी जिसमें हार्दिक पंड्या ने 90 रन का योगदान दिया.
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान फिंच ने आईपीएल के अपने खराब फार्म को तिलांजलि देकर 17वां शतक जमाया. वहीं स्मिथ ने भारतीय गेंदबाजों को नसीहत देते हुए एक दिवसीय क्रिकेट में दसवां शतक जड़ा. ऑस्ट्रेलिया के लिये यह तीसरा सबसे तेज वनडे शतक था जो मात्र 62 गेंदों में बना.
भारत ने शुरूआत काफी आक्रामक की. रोहित शर्मा की गैर मौजूदगी में पारी का आगाज करने उतरे मयंक अग्रवाल और शिखर धवन ने पांच ओवरों में ही 50 रन बना डाले लेकिन फिर भारत ने शीर्षक्रम के चार विकेट 48 रन के भीतर गंवा दिये. इनमें से तीन हेजलवुड ने और एक जाम्पा ने लिया. अग्रवाल 18 गेंद में 22 रन बनाकर छठे ओवर में हेजलवुड की गेंद पर ग्लेन मैक्सवेल को कैच दे बैठे.
भारत को सबसे बड़ा झटका दसवें ओवर में लगा जब कप्तान विराट कोहली ने हेजलवुड की गेंद पर फिंच को कैच थमाया. विराट ने 21 गेंद में दो चौकों और एक छक्के की मदद से 21 रन बनाये. श्रेयस अय्यर (दो) हेजलवुड का तीसरा शिकार बने जबकि उपकप्तान के एल राहुल आईपीएल का अपना शानदार फार्म बरकरार नहीं रख पाये. उन्हें जाम्पा ने क्रीज पर पैर ही नहीं जमाने दिये और वह 12 रन बनाकर स्मिथ को कैच दे बैठे.
इसके बाद धवन और पंड्या ने शतकीय साझेदारी की और एक समय लग रहा था कि ये दोनों भारत को जीत तक ले जायेंगे. ऐसे में जाम्पा ने अपने दूसरे स्पैल में धवन को पवेलियन भेजकर इस उम्मीद को भी तोड़ दिया. धवन ने 86 गेंद में दस चौकों के साथ 74 रन बनाये. पंड्या दुर्भाग्यशाली रहे कि अपना शतक पूरा नहीं कर सके और जाम्पा का तीसरा शिकार बने. उन्होंने 76 गेंद में 90 रन जोड़े जिसमें सात चौके और चार छक्के शामिल थे.
इसके बाद जरूरी रनरेट इतना बढ गया था कि रविंद्र जडेजा पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ मिलकर फिनिशर की भूमिका नहीं निभा सकते थे. उन्हें भी जाम्पा ने 25 के निजी योग पर आउट करके ऑस्ट्रेलिया की जीत तय कर दी. जाम्पा ने दस ओवर में 54 रन देकर चार विकेट लिये जबकि हेजलवुड को तीन विकेट मिले.
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के लिये फिंच ने 124 गेंद में 114 रन बनाये जिसमें नौ चौके और दो छक्के शामिल थे. वहीं स्मिथ ने 66 गेंद में 105 रन की पारी खेली और 11 चौके तथा चार छक्के जड़े.
‘रन मशीन‘ डेविड वार्नर ने 69 और ‘बिग शो’ग्लेन मैक्सवेल ने 19 गेंद में 45 रन का योगदान दिया. भारतीय गेंदबाजों को पिच से कोई मदद नहीं मिली और क्षेत्ररक्षण भी बेहद खराब रहा . भारतीयों ने तीन कैच छोड़े और काफी रन फालतू दिये. आईपीएल में खतरनाक दिख रहे भारतीय तेज गेंदबाज थके हुए नजर आये. ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को उनका सामना करने में कोई दिक्कत नहीं हुई.
फिंच और वार्नर ने पहले विकेट के लिये 156 रन की साझेदारी की. उन्होंने मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह के शुरूआती स्पैल को संभलकर खेला. शमी ने दस ओवर में 59 रन देकर तीन विकेट लिये जबकि बुमराह ने 73 रन दिये और उन्हें एक ही विकेट मिला.
नवदीप सैनी ने 83 रन देकर एक विकेट लिया. स्पिनरों में युजवेंद्र चहल ने 89 रन देकर एक विकेट लिया जबकि जडेजा को कोई विकेट नहीं मिला और उन्होंने 63 रन दिये. भारत को पहली सफलता 28वें ओवर में मिली जब शमी ने वार्नर को विकेट के पीछे लपकवाया. इसका फैसला डीआरएस पर हुआ. वहीं जडेजा की गेंद पर पगबाधा आउट दिये जाने के बाद स्मिथ को डीआरएस ने बचाया. उन्होंने इसका पूरा फायदा उठाते हुए शतक जड़ डाला.
मैक्सवेल ने सिर्फ 19 गेंद में 45 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली. उन्होंने चहल को रिवर्स स्वीप पर छक्का लगाया. इसके बाद सैनी को डीप मिडविकेट पर छक्का जड़ा. इस श्रृंखला के जरिये क्रिकेट मैदान पर दर्शकों की वापसी हुई है. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कुल क्षमता के 50 प्रतिशत टिकटों की बिक्री की अनुमति दी थी.
भारत की प्लेइंग इलेवन:
शिखर धवन, मयंक अग्रवाल, विराट कोहली (कप्तान), श्रेयस अय्यर, केएल राहुल (विकेटकीपर), हार्दिक पंड्या, रवींद्र जडेजा, यजुवेंद्र चहल, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और नवदीप सैनी.
ऑस्ट्रेलिया की प्लेइंग इलेवन:
आरोन फिंच (कप्तान), डेविड वार्नर, स्टीव स्मिथ, मार्कस लाबुशेन, मार्कस स्टोइनिस, एलेक्स कैरी (विकेटकीपर), ग्लेन मैक्सवैल, एडम जंपा, मिशेल स्टॉर्क, पैट कमिंस और जोश हेजलवुड.