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अगर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव टाई हो गया तो क्‍या होगा- Amar Bharti Media Group राष्ट्रीय

अगर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव टाई हो गया तो क्‍या होगा

अमेरिका में 3 नवंबर को राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मतदान होना है. दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र में मतदान के लिए कुछ ही घंटे बचे हैं और हर किसी की नज़र इस बात पर टिकी है कि अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कौन बनेगा.

इस बार सीधा मुकाबला डोनाल्ड ट्रंप और जो बिडेन में है. अभी तक जो भी पोल और ट्रेंड आए हैं, उसमें जो बिडेन बढ़त बनाए हुए हैं, लेकिन नतीजा इन पोल से अलग हो सकता है. लेकिन क्या होगा अगर अमेरिकी चुनाव टाई हो जाए, क्या फिर डोनाल्ड ट्रंप ही राष्ट्रपति बने रहेंगे या फिर कुछ और होगा. ऐसी परिस्थिति पैदा होगी तो क्या हो सकता है, एक नज़र डालिए..

कैसे टाई हो सकता है अमेरिकी चुनाव?

आपको बता दें कि अभी तक अमेरिका में नौ करोड़ से अधिक लोग अपना मतदान कर चुके हैं. अमेरिका में कुल 20 करोड़ से अधिक वोटर हैं, ऐसे में 40 फीसदी के करीब मतदान हो चुका है. लेकिन सिर्फ अमेरिकी वोटर के वोट डालने से ही राष्ट्रपति पद का चयन नहीं होता है. यानी अगर किसी को अधिक वोट मिल जाएंगे तो उसका राष्ट्रपति बनना तय नहीं है.

जैसा कि पिछले चुनाव में हुआ था, हिलेरी क्लिंटन को करीब 30 लाख वोट अधिक मिले थे लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बने थे. हर राज्य के वोटरों के वोट से वहां पर कुल इलेक्टर चुने जाएंगे जो अंत में राष्ट्रपति को चुनेंगे.

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दरअसल, अमेरिका में कुल 538 इलेक्टर हैं जो कि राष्ट्रपति का चुनाव करेंगे जिसके लिए अमेरिकी संसद में 14 दिसंबर को वोटिंग होगी. इसके अनुसार, राष्ट्रपति पद के लिए कुल वोटों की संख्या 270 होनी चाहिए.

इन 538 में से 100 सीनेटर होते हैं, 435 रिप्रेंजेटेटिव होते हैं और तीन इलेक्टर वाशिंगटन डीसी से चुने जाते हैं. अब क्योंकि 538 इवन नंबर है, तो ऐसी परिस्थिति भी बन सकती है कि दोनों ही उम्मीदवारों को 269-269 ही वोट मिले, ऐसे वक्त में चुनाव टाई हो सकता है.

किन राज्यों में कितने इलेक्टर?

चुनाव टाई हुआ तो कौन बनेगा राष्ट्रपति?

अब अगर चुनाव टाई हो जाता है, तो फिर राष्ट्रपति चुनने का सबसे बड़ा अधिकार अमेरिकी सीनेट का होता है. अमेरिकी सीनेट ने अब तक पूरे चुनावी इतिहास में दो बार ही राष्ट्रपति का चुनाव किया है.

दरअसल, इलेक्टर्स के वोट टाई होने की स्थिति में अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेंजेटेटिव  वोट डालेगी. और जहां कुल रिप्रेंजेटेटिव की संख्या 435 है. लेकिन यहां पर कुल सदस्यों नहीं बल्कि राज्यों के हिसाब से वोट का चयन होता है.

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यानी किसी राज्य में 6 रिपब्लिकन के रिप्रेंजेटेटिव हैं और दो डेमोक्रेट्स के, तो उस राज्य का वोट रिपब्लिकन के खाते में जाएगा. इलेक्टर का चुनाव टाई होने की स्थित में यहां से उपराष्ट्रपति पद के लिए चयन किया जाएगा.

यहां से उपराष्ट्रपति पद का चुनाव होने के बाद नई सीनेट राष्ट्रपति पद के लिए वोट करेगी. लेकिन वहां भी सहमति नहीं बनती है तो फिर हाउस की स्पीकर को कार्यकारी राष्ट्रपति बनाया जा सकता है. यानी मौजूदा स्पीकर नैन्सी पैलोसी कार्यकारी राष्ट्रपति बन सकती हैं, जिनका डोनाल्ड ट्रंप से 36 का आंकड़ा बताया जाता है.

हालांकि, इस तरह की परिस्थिति अमेरिकी चुनावी इतिहास में काफी कम देखने को मिली है.