Sundar Pichai: एक साधारण लड़का जो कभी मोमबत्ती की रोशनी में पढ़ाई करता था. आज दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक का CEO है और अब उसके नाम जुड़ चुका है अरबपति का तमगा। आखिर कैसे कभी टिकट खरीदने के लिए घंटों लाइन में खड़े रहने वाले सुन्दर पिचाई आज अरबों डॉलर की नेटवर्थ वाले गूगल के CEO हैं। लेकिन यह सफ़र सीधा नहीं था इसमें मेहनत, संघर्ष और दूरदर्शिता की लंबी कहानी छुपी है।
Sundar Pichai: सुन्दर पिचाई – मोमबत्ती से अरबपति तक!
चेनई का साधारण परिवार, पिता इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, IIT खड़गपुर में मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग, स्कॉलरशिप पर स्टैनफोर्ड, फिर व्हार्टन बिज़नेस स्कूल। 2004 में गूगल जॉइन किया। शुरुआत में क्रोम ब्राउज़र और एंड्रॉइड जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स। टीम और टेक्नोलॉजी को जोड़ा। 2015 में गूगल के CEO बने। 2019 में Alphabet के CEO बने।
गूगल शेयर और स्टॉक ग्रांट्स। सैलरी और बोनस से भी बड़ी कमाई। अब तक 650 मिलियन डॉलर से ज़्यादा शेयर बेच चुके। आज नेटवर्थ 1.1 से 1.3 अरब डॉलर (9–10 हज़ार करोड़ रुपए)। ज़्यादातर अरबपति कंपनी के संस्थापक। सुन्दर पिचाई संस्थापक नहीं, लेकिन अरबपति बने। लैरी पेज और ब्रिन 160+ अरब डॉलर क्लब में। पिचाई लो प्रोफाइल लेकिन प्रभावशाली।
शांत और सौम्य स्वभाव। कर्मचारियों को शामिल करने वाला नेतृत्व। मोबाइल, क्लाउड और AI में गूगल को आगे बढ़ाया। युवाओं को संदेश साफ़ है, खुद पर सवाल उठाओ और असुविधा को अपनाओ। AI, क्लाउड और इंफ्रास्ट्रक्चर में Alphabet की मजबूत पकड़। शेयर की कीमतें बढ़ती रहीं तो नेटवर्थ और ऊपर जाएगी।
क्या आने वाले सालों में पिचाई मल्टी-बिलियनियर बनेंगे मोमबत्ती की रोशनी से सिलिकॉन वैली की चमक तक का सफ़र… सुन्दर पिचाई का जीवन बताता है कि सफलता पाने के लिए ज़रूरी नहीं कि आप शोर मचाएँ, बल्कि लगातार मेहनत और ईमानदारी से भी अरबपति बना जा सकता है।
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