नई दिल्ली। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के मतपत्र पर लोकसभा चुनाव का विरोध करने वाले और देशद्रोह का आरोप लगाने वाले युवा नेता कन्हैया कुमार आज कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगे और कांग्रेस मुख्यालय में कन्हैया कुमार को सलाम करने के लिए पोस्टर भी लगाएंगे। दिल्ली में पार्टी कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने की खबर के बाद भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि टुकड़े-टुकड़े गैंग का कांग्रेस में विलय हो जाएगा, कन्हैया में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आपने कैसे मिला हुआ देखा?
मीडिया से की कांग्रेस पार्टी से बातचीत
जब मीडिया ने इस मामले पर कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं से बात की, तो उन्होंने कहा कि कन्हैया कुमार के खिलाफ देशद्रोह के आरोप अभी तक साबित नहीं हुए हैं और यह सिर्फ आरोप नहीं है जो कन्हैया को देशद्रोही बना देगा। कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने को मीडिया बताया कि कन्हैया कुमार प्रगतिशील मानसिकता और संगठनात्मक गुणों वाले युवा हैं। इसी वजह से कांग्रेस पार्टी कन्हैया कुमार को उनके साथ मिलाती है।
2016 में राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को घेर कर किया था कन्हैया कुमार का बचाव
2016 में जब दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में राष्ट्र विरोधी नारे लगाए गए थे। तो कन्हैया कुमार पर इन नारों में लिप्त होने का आरोप लगाया गया और कन्हैया कुमार के खिलाफ अभद्र भाषा का मुकदमा दर्ज किया गया। उस वक्त कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कन्हैया कुमार और अन्य छात्रों से मुलाकात की थी और देशद्रोह के आरोप में केंद्र सरकार को घेरा था।
कन्हैया कुमार 2019 में लड़ चुके है लोकसभा चुनाव
कन्हैया कुमार ने 2019 का लोकसभा चुनाव CPI के चुनाव लड़ चुके है।भारतीय जनता पार्टी के गिरिराज सिंह और राष्ट्रीय जनता दल के तनवीर हसन के खिलाफ चुनाव लड़े है। चुनाव में कन्हैया कुमार निश्चित रूप से दूसरे स्थान पर रहे थे। लेकिन उन्हें गिरिराज सिंह की तुलना में बहुत कम वोट मिले। गिरिराज सिंह को 6.92 लाख से ज्यादा और कन्हैया कुमार को 2.69 लाख से ज्यादा वोट मिले। राष्ट्रीय जनता दल के तनवीर हसन को 1.98 लाख वोट मिले। लोकसभा चुनाव में बिहार में कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रीय जनता दल का समर्थन किया। इस प्रकार तनवीर हसन कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के संयुक्त उम्मीदवार थे।