पंचांग के अनुसार 21 फरवरी को रविवार माघ मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है. आज का दिन विशेष है. इस दिन गुप्त नवरात्रि का समापन किया जाएगा. गुप्त नवरात्रि को तंत्र-मंत्र साधना के लिए बहुत ही उत्तम माना गया है. इस नवरात्रि में गुप्त रूप से साधना का विधान है. हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व वर्ष में चार बार आता है. चैत्र और शारदीय नवरात्रि के साथ साथ दो और भी नवरात्रि होती हैं जिन्हें माघ नवरात्रि और आषाढ़ नवरात्रि कहा जाता है.
नवरात्रि के पर्व में मां दुर्गा के अलग अलग 9 स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है. गुप्त नवरात्रि में मां कालिके, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता चित्रमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूम्रवती, माता बगलामुखी, मातंगी, कमला देवी की पूजा का विधान है. ऐसा माना जाता है कि सच्चे मन, भक्ति भाव और पूरे विधि पूर्वक जो व्यक्ति मां की पूजा करता है, मां दुर्गा उसकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं.
चैत्र नवरात्रि का पर्व कब है?
माघ नवरात्रि के बाद चैत्र नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. नवरात्रि का यह बहुत ही विशेष माना गया है. इसकी धार्मिक मान्यता भी अधिक है. पंचांग के अनुसार इस वर्ष यानि वर्ष 2021 में चैत्र नवरात्रि का पर्व 13 अप्रैल से आरंभ हो रहा है. चैत्र नवरात्रि का समापन 22 अप्रैल का किया जाएगा.
मां इन 9 स्वरूपों की होती है पूजा
चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की उपासना की जाती है. जिसमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि की पूजा की जाती है.
घटस्थापना कब होगी?
चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन यानि 13 अप्रैल को कलश स्थापना की जाएगी. नवरात्रि में कलश यानि घटस्थापना का विशेष महत्व माना गया है. कलश की स्थापना विधि पूवर्क करनी चाहिए, तभी इसका पूर्ण लाभ प्राप्त होता है.