ये सोचकर ज्यादातर लोग ‘लो फैट’ या ‘नो फैट’ वाली चीजें खाना शुरू कर देते हैं. फैट को सेहत के लिए खराब समझने की गलती बहुत से लोग करते हैं. उनका कहना है कि कुछ फैट हमारी सेहत के लिए अच्छे नहीं होते हैं.
खराब फैट वाला खाना बॉडी का LDL लेवल बढ़ा देता है. कैंसर, डायबिटीज, मोटापा और कार्डियोवस्क्युलर डिसीज ऐसे ही फैट के कारण होती हैं.
लेकिन कुछ फैट शरीर के लिए बहुत जरूर होते हैं, जिन्हें हम गुड फैट या हेल्दी फैट कहते हैं. इस तरह का फैट न सिर्फ आपकी बॉडी बल्कि ब्रेन के फंक्शन के लिए भी बहुत जरूरी होता है. इनमें मौजूद विटामिन- A, D, E और K हमारी सेहत को बहुत फायदा पहुंचाते हैं.
इतना ही नहीं, इस तरह का फैट बॉडी में हार्मोन को बैलेंस करने में भी मददगार होता है. हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि हमारी रेगुलर डाइट में 20-15 प्रतिशत सिर्फ गुड फैट ही होना चाहिए.
मोटापा, डायबिटीज जैसी तमाम बीमारियों के डर से जो लोग हर तरह के फैट से दूरी बना चुके हैं, दरअसल वे अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. इसकी कमी से हमारे सेल्स वॉल पर बुरा असर पड़ता है.
इन्हें डाइट से बाहर करना बालों और स्किन के लिए भी खराब है. लो फैट या नो फैट की वजह से लोगों को मूड स्विंग्स की भी समस्या हो सकती है. आइए जानते हैं हमारे शरीर के लिए जरूरी गुड फैट कौन से हैं और हमें किस तरह के फैट से बचना चाहिए.