पंजाब और केंद्र सरकार के बीच कृषि कानूनों के बाद बिजली को लेकर घमासान बढ़ गया है. इस बढ़ते विवाद पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का बयान आया है. केंद्रीय मंत्री ने पंजाब में रेलबंदी के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
उन्होंने कहा कि लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है. पंजाब में 32 जगहों पर रेल सेवा बाधित है, जिससे गुड्स एंड पैसेंजर्स सर्विस प्रभावित हुई है. वे किसानों से बात कर सकते हैं. केंद्र का इससे कोई लेना-देना नहीं है. जो भी उनका बिजली का कोटा है, हम उन्हें प्रदान कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में पंजाब के किसानों ने बाजार में अधिक धान लाया और उन्होंने इसे MSP के अनुसार बेचा. बिक्री में लगभग 25% की वृद्धि देखी गई है.
यदि कुछ स्थानों पर राजनीतिक आंदोलन चल रहे हैं तो राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना है कि रेलवे ट्रैक खाली हों. रेलवे का सुचारू संचालन सभी के हित में है. जावड़ेकर ने कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में ये बातें कहीं.
ब्लैक आउट का खतरा बढ़ा
बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के लगातार विरोध के चलते केंद्र सरकार ने पंजाब में रेल सेवा रोक दी है. पंजाब में रेल सेवा रोके जाने के बाद से ब्लैक आउट का खतरा बढ़ गया है.
इस मुद्दे पर सीएम अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस विधायकों और पार्टी के अन्य नेताओं के साथ दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना दिया.
असल में, पंजाब में रोज तीन से चार घंटे तक बिजली की कटौती होने लगी है. खाद की किल्लत होने लगी है. उद्योगों में सामान का स्टॉक बढ़ने लगा है.
पंजाब सरकार ने इन सब मसलों को लेकर केंद्र के खिलाफ विरोध जताना शुरू कर दिया है. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिल्ली में धरना दिया. कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू भी धरने पर बैठे.