इकोनॉमी में सुधार के संकेत
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहतर सुधार के चलते वित्त वर्ष 2020-21 में GDP विकास दर माइनस 7.4 रहने का अनुमान है, जबकि पूर्व अनुमान के मुताबिक यह आंकड़ा ऋणात्मक 10.9 प्रतिशत था.
जीडीपी के अनुमान को बदला
एसबीआई की इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि GDP के महामारी से पूर्व के स्तर पर दोबारा पहुंचने में वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही से सात तिमाहियों का वक्त लगेगा.
इकोरैप में जीडीपी का जिक्र
एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट ‘इकोरैप’ में कहा गया कि दूसरी तिमाही के बाद RBI और बाजारों के संशोधित पूर्वानुमानों के बाद अब हम उम्मीद करते हैं कि पूरे वर्ष (वित्त वर्ष 2020-21) के लिए जीडीपी में गिरावट 7.4 फीसदी रहेगी. जबकि इससे पहले इकोरैप की रिपोर्ट माइनस 10.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था.
SBI की रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया कि संशोधित GDP अनुमान एसबीआई के ‘नाउकास्टिंग मॉडल’ पर आधारित है, जिसमें औद्योगिक गतिविधियों, सेवा गतिविधियों और वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े 41 उच्च आवृत्ति संकेतक शामिल हैं.
तीसरी तिमाही में GDP विकास दर 0.1 फीसदी संभव
रिपोर्ट में कहा गया कि इस मॉडल के आधार पर तीसरी तिमाही में GDP विकास दर 0.1 फीसदी के करीब रह सकती है. इसमें कहा गया कि तीसरी तिमाही में 41 उच्च आवृत्ति वाले अग्रणी संकेतकों में 58 फीसदी तेजी दिखा रहे हैं.
रेटिंग एजेंसी का बदला नजरिया
इससे पहले ग्लोबल रेटिंग एजेंसी (एसएंडपी) ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास दर के अनुमान को बढ़ाकर माइनस 9 फीसदी से माइनस 7.7 फीसदी कर दिया है. रेटिंग एजेंसी ने अर्थव्यवस्था में बढ़ती मांग और कोविड-19 के मामलों में कमी के चलते अपने अनुमान को संशोधित किया है.