कोविड-19 का टीका आखिर देशवासियों को मुफ्त में क्यों न मिले? कई लोग ऐसे सवाल उठाते रहे हैं. अब दिग्गज उद्योगपति और इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने भी इस विचार का समर्थन किया है.
उन्होंने कहा कि एक बार टीका आने के बाद सबको लगाया जाना चाहिए. नारायण मूर्ति ने कहा कि वे तो इस विचार को मानते हैं कि भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लोगों को यह टीका फ्री दिया जाना चाहिए.
क्या कहा नारायण मूर्ति ने
इकोनॉमिक टाइम्स से एक इंटरव्यू में नारायण मूर्ति ने कहा, ‘मेरा मानना है कि कोविड-19 का टीका जनता की भलाई के लिए होना चाहिए और हर किसी को यह टीका मुफ्त में लगाया जाना चाहिए. यह टीका इस ग्रह की समूची जनसंख्या के लिए मुफ्त होना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘टीका उत्पादक कंपनियों को संयुक्त राष्ट्र और विभिन्न देशों द्वारा बस लागत की भरपाई की जानी चाहिए और इसमें किसी को भारी मुनाफा नहीं कमाना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि जो कंपनियां सक्षम हैं उन्हें खुद इसकी लागत वहन करनी चाहिए और यह टीका मुफ्त में देना चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र के देश गौर करें
उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के देशों को इस लागत का बड़ा हिस्सा वहन करना चाहिए. गौरतलब है कि हाल में बिहार चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह वादा किया था कि इंडियन मेडिकल काउंसिल (ICMR) द्वारा टीके को मंजूरी मिलने के बाद इसे बिहार के लोगों को मुफ्त में दिया जाएगा.
टीका की दिशा में सफलता
हाल में दवा कंपनियों फाइजर और मॉडर्ना ने ऐलान किया है कि वे टीके के तीसरे चरण के टेस्ट को सफलतापूर्वक पूरा कर चुके हैं और इसकी प्रभावशीलता दर 90 फीसदी से ज्यादा रही है.
भारत सहित दुनिया में अब भी कोरोना संक्रमण जारी है. हाल में राजधानी दिल्ली में फिर से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने की खबर आयी है.
ऐसे में पूरी दुनिया के लोगों को कोरोना के टीके का बेसब्री से इंतजार है. भारत के लिए राह आसान नहीं है, क्योंकि यहां की समूची जनसंख्या के टीकाकरण के लिए कम से कम 3 अरब डोज देने की जरूरत होगी.
जानकारों का कहना है कि फाइजर और मॉर्डना के टीके इस लिहाज से काफी महंगे होंगे और भारत के लिए इनका खर्च वहन कर पाना आसान नहीं होगा.