जयपुर. हाथरस सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को सवाल किया कि उत्तर प्रदेश सरकार के पास अगर छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो फिर विपक्षी नेताओं को हाथरस जाने से क्यों रोक दिया गया।
उन्होंने परिवार की अनुपस्थिति में मंगलवार और बुधवार की रात दुष्कर्म पीड़िता के दाह संस्कार पर भी सवाल उठाया।
गहलोत सचिवालय में महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे।
गहलोत ने कहा, हाथरस मामले में घोर लापरवाही बरती गई है। पीड़िता का रात दो बजे अंतिम संस्कार किया गया। इस तरह के मामले के बारे में कभी नहीं सुना।
कांग्रेस नेता ने कहा, आप पुलिस सहायता के साथ रात में दाह संस्कार करते हैं, जबकि गरीब मां चिल्लाती रहती है और अपनी बेटी को एक बार देखने का अनुरोध करती रहती है।
आप उसे अंतिम अलविदा कहने की अनुमति भी नहीं देते हैं। इस तरह की घटना पहले कभी देखने को नहीं मिली।
राज्य में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साध रहा है और सवाल उठा रहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी व प्रियंका गांधी कांग्रेस शासित राजस्थान के बारां क्यों नहीं आते? इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, हाल ही में तीन भाजपा नेता डूंगरपुर के खेरवाड़ा गांव जाना चाहते थे।
पार्टी विधायक मदन दिलावर और अन्य भाजपा नेता वहां गए, लेकिन हमने उन्हें नहीं रोका। विपक्ष का कर्तव्य है कि वह घटनास्थल का दौरा करे और किसी भी मामले में जमीनी स्थिति के बारे में जानें।
गहलोत ने कहा, मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि वे (विपक्षी नेता) विपक्षी नेताओं के तौर पर हाथरस जा रहे थे।
एक विपक्षी के रूप में आप भी अपने नेताओं को दिल्ली से बुला सकते हैं। हम उन्हें अनुमति देंगे और जरूरत पड़ने पर भाजपा नेताओं को पुलिस सुरक्षा भी उपलब्ध करवाई जाएगी।