नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच एक ऐसी सीरीज की टीजर रिलीज हुई है जिसमें भारत का लड़का और पाकिस्तान की लड़की है. ये सीरीज कुछ-कुछ फिल्म वीर-जारा से मिलती हुई दिखाई गई है.ऐसे में सवाल ये खड़ा होता है कि इस सीरीज से पाकिस्तान को क्या आपत्ति है जिसके चलते पाक में इस सीरीज का विरोध किया जा रहा.
पाकिस्तान के सोशल मीडिया यूज़र्स भारतीय वेब
स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर पाकिस्तान की मशहूर नाटककार उमैरा अहमद की लिखी गई वेब सिरीज़ ‘धूप की दीवार’ का ट्रेलर रिलीज़ होने के बाद से पूछ रहे हैं.
देशद्रोह और राष्ट्र-विरोधी का आरोप
कुछ लोगों ने तो लेखिका पर देशद्रोह और राष्ट्र-विरोधी होने का भी आरोप लगा दिया है. क्योंकि यह नाटक पाकिस्तान में नहीं बल्कि भारत के वेब स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ‘ज़ी फाइव’ पर प्रसारित किया जाना है.
सोशल मीडिया पर लोगों ने मांगा जवाब
सोशल मीडिया पर इसे लेकर इतनी सख़्त प्रतिक्रिया थी कि नाटक की लेखिका को इस बारे में एक लंबा-चौड़ा स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा, जिसमें उन्होंने उन सभी सवालों के जवाब दिए जो लोगों ने नाटक के बारे में उठाए थे.
सीरीज की स्टोरी
जारी टीज़र में “एक भारतीय हिंदू लड़के की एक पाकिस्तानी मुस्लिम लड़की के साथ नफ़रत और लड़ाई कैसे प्यार भरे रिश्ते में बदल जाती है” दिखाया गया है. दोनों के पिता भारत और पाकिस्तान की सेना में शामिल हैं और दोनों भारत-पाकिस्तान सीमा पर जारी तनाव के दौरान मारे जाते हैं. शुरुआत में दोनों अपने-अपने पिता की बहादुरी की कहानियां सुनाते हैं और एक दूसरे के ख़िलाफ़ मीडिया और सोशल मीडिया पर बयान देकर लोगों से प्रशंसा बटोरते दिखाई देते हैं. लेकिन धीरे-धीरे उनकी लड़ाई दोस्ती में बदल जाती है और उन्हें लगने लगता है कि देशों के बीच का तनाव लोगों की आपसी लड़ाई बिलकुल नहीं है.
दोनों जिस दर्द से गुज़रते हैं उसे ‘यूनाइटेड ग्रीफ़’ कहा गया है. हालांकि, उन्हें अपने परिवार से कड़े विरोध का सामना करना पड़ता है.
ये एक ड्रामा है, इसलिए टीज़र से पूरी कहानी का अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता है. इसलिए हमें सीरीज रिलीज़ होने तक इंतजार करना होगा.
लेखिका का बयान
उमैरा अहमद आज के दौर में पाकिस्तान के सबसे लोकप्रिय उपन्यासकारों और लेखकों में से एक हैं. और भारतीय वेब स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के लिए वेब सिरीज़ लिखने पर ‘देशद्रोही’ और ‘देश की दुश्मन’ कहे जाने पर अपने स्पष्टीकरण में लेखिका उमैरा अहमद ने कहा कि उन्होंने जनवरी 2019 में ‘धूप की दीवार’ नामक वेब सिरीज़ पर काम करना शुरू किया था.
उनके मुताबिक़, इसकी पूरी कहानी पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग आईएसपीआर को भेजी गई थी ताकि अगर कोई आपत्तिजनक सामग्री हो तो उसे हटाया जा सके. लेखिका का दावा है कि “इस विषय को आईएसपीआर ने ओके कर दिया था” और साथ ही उन्हें रावलपिंडी बुलाकर उनसे एक मीटिंग भी की गई थी और कहा गया था कि “भारत-पाकिस्तान संबंधों पर सेना का भी यही रुख़ है.”
हालाँकि कहानी के अप्रूवल से संबंधित आईएसपीआर की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.
यूज़र्स रिएक्शन
सोशल मीडिया पर यूज़र्स ने लेखिका के भारतीय वेब स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के लिए नाटक लिखने को नापसंद किया। वहीं कुछ लोगों ने कहा कि अगर पाकिस्तानी लेखक अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर काम करते हैं, तो यह अच्छी बात है.
एक अन्य फेसबुक यूज़र हादिया जव्वाद ने कहा, “वैसे, वे भारतीय फिल्में देखते हैं और उनके गानों पर डांस करते हैं. उस समय उन्हें याद नहीं आता है कि भारत हमारा दुश्मन है.”ऐसे सोशल मीडिया यूज़र भी थे, जिन्होंने नाटक के बारे में समय से पहले निष्कर्ष निकालना जल्दबाज़ी बताया.
उन्हीं में से एक जुवैरिया का कहना था कि “मैं लोगों से कहना चाहती हूँ की थोड़ा सब्र करें अपनी भविष्यवाणियों के आधार पर निष्कर्ष न निकालें. इस स्क्रिप्ट को उमैरा अहमद ने लिखा है. उन्होंने एक आध्यात्मिक नाटक, ‘अलिफ़’, नौसेना की तरफ से बनाई गई टेलीफ़िल्म, लाल और पीर-ए-कामिल और आब-ए-हयात जैसे उपन्यास लिखे हैं.