ममता बनर्जी की पार्टी में क्‍यों उठ रहे बगावती सुर

पश्चिम बंगाल में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनावों से ठीक पहले राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही हैं. टीएमसी हाल में मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले शुभेंदु अधिकारी के झटके से अभी उबरी भी नहीं है कि एक और बगावती सुर देखने को मिल रहा है.

ये बगावती सुर टीएमसी की तरफ से चुनाव में नैया पार लगाने के लिए लाए गए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के खिलाफ है. कुछ महीने बाद बंगाल में विधानसभा का चुनाव होना है, ऐसे में अगर इसी तरह बगावत रूप सामने आते रहे तो पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

हावड़ा के शिवपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक जटू लाहिड़ी ने पीके के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. लाहिड़ी ने सीधे प्रशांत किशोर पर हमला करते हुए कहा कि वह ‘किराए’ पर पार्टी चलाने आए हैं और उनके आने से पार्टी को नुकसान पहुंचा है.

शिवपुर विधायक लाहिड़ी ने आने वाले दिनों में परोक्ष रूप से टीएमसी छोड़ने का संकेत दिया है. उन्होंने पार्टी में शुरू हुई मौजूदा उथल-पुथल के लिए प्रशांत किशोर को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि शुभेंदु अधिकारी मंत्री पद के मोह से बाहर निकलने में सक्षम थे. पार्टी में कई समस्याएं हैं. हम सभी इस बात से दुखी हैं.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जो क्षमता है उससे ज्यादा राज्य में किसी की ज़रूरत नहीं है. लोगों ने उनपर विश्वास किया है कि वो उनके साथ खड़ी हैं, इसीलिए बाहर से किसी को लाने की ज़रूरत नहीं है.

मेरी निजी धारणा है कि प्रशांत किशोर को लाने के बाद से हमारे दल की बहुत क्षति पहुंची है. विधायक लाहिड़ी का कहना है कि ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री के रूप में देखने के बाद वह पार्टी में आए. उनका मानना ​​है कि ममता बनर्जी को खुद ही पार्टी चलाना चाहिए.