Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wp-statistics domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the updraftplus domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114
स्वेज नहर में यातायात रुकने से जाने क्या होगा भारत को नुकसान, फिर बढ़ सकते है पेट्रोल-डीजल के दाम- Amar Bharti Media Group अन्तर्राष्ट्रीय

स्वेज नहर में यातायात रुकने से जाने क्या होगा भारत को नुकसान, फिर बढ़ सकते है पेट्रोल-डीजल के दाम

1869 में निर्मित इस नहर पर इजिप्ट का कब्जा है और मानव-निर्मित इस नहर पर ही इजिप्ट की अर्थव्यवस्था टिकी हुई है।

नई दिल्ली। इजिप्ट के रास्ते भूमध्या सागर और लाल सागर को जोड़ने वाली स्वेीज नहर समुद्री जहाज के लिए एक महत्वलपूर्ण रास्ताट है। यह दुनिया के सबसे व्यूस्तय जलमार्गों में से एक है। मात्रा के मामले में दुनिया के कुल कारोबार में 12 प्रतिशत हिस्सा इसी नहर का है। यह नहर यूरोप और एशिया के बीच सबसे छोटा रास्ताम प्रदान करती है। 1869 में निर्मित इस नहर पर इजिप्टस का कब्जाय है और मानव-निर्मित इस नहर पर ही इजिप्टा की अर्थव्य वस्थार टिकी हुई है। 2020 में इजिप्ट् ने स्वेकज नहर पर टोल से 5.61 अरब डॉलर का शुल्का प्राप्तव किया था। वैश्विक कारोबार के लिए इतने महत्वसपूर्ण जल मार्ग को लेकर इस समय खूब खबरें आ रही हैं। पिछले तीन दिनों से इस नहर में यातायात पूरी तरह से ठप है। एक विशाल समुद्री जहाज मंगलवार को नहर में फंस गया है, जिसकी वजह से यहां यातायात जाम हो गया है।

तेज हवा की वजह से जहाज टेड़ा होकर नहर में फंस गया

पनामा का एक कंटेनर शिप जिसका नाम एवर गिवन है, चीन से माल लेकर नीदरलैंड के रोटरडम जा रहा था। 2018 में निर्मित यह जहाज, जिसकी लंबाई 400 मीटर और चौड़ाई 59 मीटर है, खराब मौसम की वजह से नहर में फंस गया। इस जहाज पर 2 लाख टन माल लदा है और इसके फंसने से दोनों तरह का यातायात पूरी तरह से रुक गया है। इस जहाज का परिचालन करने वाली ताईवान की ट्रांसपोर्ट कंपनी एवरग्रीन मरीन ने कहा है कि अचानक तेज हवा की वजह से जहाज टेड़ा होकर नहर में फंस गया।विशेषज्ञों का कहना है कि इस फंसे हुए जहाज को निकालने और यातायात को दोबारा चालू करने में अभी और कई दिन लग सकते हैं। स्वेिज नहर प्राधिकरण यातायात को सुचारू बनाने के लिए अपने पूरे प्रयास कर रहा है। स्वेलज नहर में यातायात रुकने का वैश्विक व्यारपार पर बहुत बुरी तरह से असर हो रहा है।

कच्चे तेल में आया उछाल

स्वेज नहर में यातायात ठप होने से कच्चेै तेल में उछाल आया है। इसमें करीब तीन फीसदी की तेजी आई है। कच्चाप तेल महंगा होने से पेट्रोल-डीजल महंगा हो सकता है। बेस मेटल्स में भी शानदार खरीदारी देखने को मिल रही है। निकेल, एल्युमिनियम और लेड एक-एक फीसदी चढ़े है। जिंक और कॉपर में भी बढ़त पर कारोबार हो रहा है। सोने-चांदी में निचले स्तरों से खरीदारी लौटी है। सोयाबीन नई ऊंचाई पर दिख रहा है। लेकिन दूसरे सभी खाने के तेलों में मुनाफावसूली है। सोया ऑयल करीब एक परसेंट फिसला है। MCX CPO में डेढ़ परसेंट की गिरावट है। चना और मसालों में भी आज कमजोरी है। धनिया और हल्दी करीब दो-दो परसेंट टूटे हैं। जीरा में भी आधे परसेंट की गिरावट है।

कैसे बनी नहर

पहले एशिया से जहाज अफ्रीकी महाद्वीप का पूरा चक्कर लगाकर यूरोप पहुंचते थे। नहर का निर्माण 1859 में शुरू हुआ और शुरुआत में मजदूर बेलचों और कुदालियों से काम करते थे। इसके बाद यूरोप से भाप से चलने वाली मशीनें लाई गईं। मजदूरों में हैजा फैलने की वजह से काम रुकता रहा और नहर को पूरा करने में 10 साल लग गए। 1966 में नहर फिर बंद हो गई जब इजरायल ने सिनाई प्रायद्वीप पर कब्जा किया। 1975 में मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सादत ने स्वेज कनाल को खोला और इजरायल से शांति बहाल की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *