नौकरी-पेशा लोगों के लिए बचत ही फ्यूचर का साथी होता है. खासकर प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए बचत की राह सबसे जरूरी है.
आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि एक वेतनभोगी कर्मचारी कैसे सफल निवेशक बन सकते हैं और सैलरी से ज्यादा निवेश से कमाई की जा सकती है.
निवेश के लिए बचत जरूरी
दरअसल, एक निवेशक के लिए ब्याज हमेशा मूलधन से ज्यादा प्यारा होता है. क्योंकि पैसे से पैसे बनाने में ब्याज की बड़ी भूमिका होती है. लेकिन ब्याज तभी मिलेगा जब निवेश होगा, और निवेश के लिए बचत जरूरी है.
कमाई और बचत के बीच तालमेल जरूरी
नौकरी-पेशा लोगों की कमाई धीरे-धीरे बढ़ती है. ऐसे में आमदनी और खर्च के बीच सामंजस्य बिठाने में दिक्कतें आती हैं. लेकिन उसी सैलरी में से एक संतुलित रकम हर महीने अलग कर दिया जाए तो कुछ वक्त के बाद वो बड़ी पूंजी बन जाती है.
उदाहरण के तौर पर 25 हजार रुपये तनख्वाह वाले को हर महीने 10 हजार रुपये की बचत करना मुश्किल है, लेकिन वो हर महीने खर्चे में थोड़ी कटौती कर 10 फीसदी रकम बचा सकते हैं, यानी हर महीने 2500 रुपये की बचत होगी.
बेहतर रिटर्न मिलने की उम्मीद
इस रकम को निवेश के लिए केवल सही फंड को चुनने को जरूरत होगी. इस पैसे को हर महीने म्यूचुअल फंड में सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये लगाया जा सकता है, जहां बेहतर रिटर्न मिलने की उम्मीद रहती है. हालांकि कहीं भी निवेश के पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें.
निवेश का फंडा
हर महीने SIP में 2500 रुपये लगाने पर पांच साल बाद ये रकम 15 फीसदी रिटर्न के हिसाब से भी करीब 2 लाख रुपये हो जाएगी. इस बीच हर साल निवेशक की सैलरी भी बढ़ती रहेगी.
ऐसे में पांच साल के बाद निवेशक के पास एकमुश्त 2 लाख रुपये होंगे. अगर निवेशक अगले तीन साल तक इसी तरह फंड में निवेश करते रहे तो फिर 8 साल बाद के जमा पूंजी बढ़कर 4 लाख रुपये हो जाएगी.
निवेश की पाठशाला
आमतौर पर नौकरीपेशा लोगों की सैलरी करीब 8 साल में दोगुनी हो जाती है. अगर उसकी सैलरी में 10 फीसदी सालाना के हिसाब से बढ़ोतरी होती है तो इस आधार पर 25 हजार रुपये महीने वाले की 10 साल में सैलरी 50 हजार रुपये से ज्यादा हो जाएगी.
वहीं महज ढाई हजार रुपये की हर महीने निवेश इसी अवधि में बढ़कर 6 लाख रुपये तक हो जाएगा.
बड़ा फंड बनाने के तरीके
यही नहीं, इन 10 साल के दरम्यान निवेशक सैलरी में बढ़ोतरी से बचाई रकम को दूसरी जगहों पर निवेश कर सकते हैं. जैसे शेयर बाजार, PPF और शॉर्ट टर्म फंड में.
इसके अलावा जब निवेशक इसी रफ्तार से अगर 20 साल तक म्यूचुअल फंड समेत दूसरों जगहों पर निवेश करते रहे तो फिर रकम इतनी बड़ी हो जाएगी कि वो सैलरी के बराबर निवेश से कमाई करने लगेगा.