कोरोना की महामारी की वजह से दूसरे राज्यों से काम-धंधे छोड़कर लौटे प्रवासी श्रमिक-कामगारों को रोजगार के साथ आवास की व्यवस्था में भी योगी सरकार जुट गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित विशेष राहत पैकेज से श्रमिक-कामगारों के लिए आवास निर्माण की व्यवस्था की जाए।
उनके लिए डोरमेट्री बनाने से भी कम धनराशि खर्च कर रहने की अच्छी सुविधा दी जा सकेगी। इस संबंध उन्होंने अधिकारियों को योजना बनाने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने सरकारी आवास पर टीम-11 के अधिकारियों के साथ दूसरे राज्यों से लौट रहे श्रमिक-कामगारों से संबंधित व्यवस्था पर विस्तृत चर्चा की।
सीएम योगी ने कहा कि सरकार विभिन्न राज्यों से सभी कामगारों-श्रमिकों की सुरक्षित व सम्मानजनक वापसी के साथ रोजगार व सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। उन्हें नियमित रूप से खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए राशन कार्ड भी बनाए जाएं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बरसात के मौसम में मनरेगा से जुड़े कार्य सामान्य परिस्थितियों में नहीं कराए जाते। बरसात के मौसम में भी मनरेगा के कार्य कराने की वैकल्पिक संभावनाओं को तलाशा जाए। इससे इन्हें रोजगार उपलब्ध कराने में सुविधा होगी।
परंपरागत कामगारों का भी बनेगा डेटा बैंक : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कामगार-श्रमिकों के लिए एमएसएमई सेक्टर, एक जिला, एक उत्पाद योजना और विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना में रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। इसी तरह कृषि, डेयरी, पशुपालन आदि से जुड़ी गतिविधियों में भी रोजगार की संभावनाएं हैं।
कामगार-श्रमिकों को इन सेक्टरों से जोड़ें। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयों के कार्मिकों के साथ-साथ विभिन्न योजनाओं से जुड़े परंपरागत कामगारों का एक डेटा बैंक तैयार करें। इसमें श्रमिकों के बैंक खातों का विवरण भी सम्मिलित हो।