लखनऊ: योगी आदित्यनाथ ने मिशन शक्ति के पांचवें चरण का शुभारंभ किया

उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण को लेकर चलाए जा रहे मिशन शक्ति कार्यक्रम का पांचवां चरण शनिवार को राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संबोधन देते हुए कहा कि आज मुझे मिशन शक्ति के पांचवें चरण के शुभारंभ के अवसर पर यह प्रशंसा की अनुभूति हो रही है कि यह अभियान समय के साथ और अधिक प्रभावी और व्यापक हुआ है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष पूर्व जब मिशन शक्ति का शुभारंभ किया गया था, तो हर किसी में संदेह था कि यह अभियान किस प्रकार कार्यान्वित होगा। लेकिन आज इसकी व्यापकता और प्रभाव ने यह सिद्ध कर दिया है कि महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा को लेकर यह सरकार संकल्पित है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि नारी सुरक्षा, नारी स्वालंबन और नारी सम्मान के तहत इस अभियान को तेजी से आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने उल्लेख किया कि उत्तर प्रदेश पुलिस आजादी के बाद से 2017 तक महिला कार्मिकों की संख्या मात्र दस हजार थी, लेकिन 2017 से अब तक लगातार भर्तियों और प्रशिक्षण के माध्यम से यह संख्या बढ़कर 44 हजार से अधिक हो गई है। उन्होंने कहा कि केवल पुलिस बल ही नहीं बल्कि शिक्षकों और अन्य विभागों में भी भर्ती अभियान चलाए गए, जिससे महिलाओं को सरकारी सेवा में समान अवसर मिले।

योगी आदित्यनाथ ने यह भी बताया कि महिलाओं के प्रशिक्षण का विषय भी पहले चुनौतीपूर्ण था। यह सवाल हमेशा उठता था कि महिलाएं प्रशिक्षण कहाँ करेंगी और उनकी दक्षता कैसे बढ़ेगी। आज प्रदेश में 60 हजार 200 से अधिक महिला पुलिस आरक्षियों की प्रशिक्षण व्यवस्था की गई है, जिससे महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि मिशन रोजगार के माध्यम से प्रदेश के हर युवा को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ा गया है।

मुख्यमंत्री ने महिलाओं और बालिकाओं के लिए सरकारी योजनाओं का भी विस्तृत विवरण दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बेटी के जन्म से लेकर स्नातक स्तर की पढ़ाई, विवाह और स्वरोजगार तक हर क्षेत्र में विशेष प्रावधान किए हैं। कन्या सुमंगला योजना के तहत पढ़ाई के लिए 25 हजार रुपये का पैकेज दिया जाता है। जन्म के समय 5 हजार रुपये की राशि सीधे बेटी के खाते में डेबिट की जाती है। इस राशि के लिए यह शर्त है कि बेटी के साथ कोई भेदभाव न हो और सभी टीकाकरण पूरे हों।

इसके अलावा, पहली कक्षा में प्रवेश पर 3 हजार रुपये, छठी कक्षा में 3 हजार रुपये और नौवीं कक्षा में 5 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है। बेटी की शादी के लिए एक लाख रुपये तक की राशि बिना किसी भेदभाव के दी जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल केंद्र सरकार की बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के मार्गदर्शन में की जा रही है।

योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि प्रदेश में मातृ वंदना अभियान, फिट इंडिया अभियान और अनेक अन्य महिला कल्याण योजनाएं लागू की गई हैं। दस करोड़ घरों में उज्ज्वला योजना का कनेक्शन दिए जाने से महिलाओं को धुएं से मुक्त करने और हर घर को ग्रीन ईंधन से जोड़ने का प्रयास सफल हुआ है। साथ ही 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन की सुविधा प्रदान की गई है।

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण महिलाओं को भू-अभिलेख उपलब्ध कराने की पहल का भी उल्लेख किया। उत्तर प्रदेश में अब तक एक करोड़ से अधिक भू अभिलेख महिलाओं के नाम जारी किए जा चुके हैं। इसके साथ ही 60 लाख गरीबों को आवास योजना के तहत घर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हर कल्याण योजना में महिलाओं को समान अवसर और गरिमा के साथ लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई है।

योगी आदित्यनाथ ने बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट सखी योजना का उदाहरण भी दिया। 40 हजार से अधिक महिलाएं इस योजना के माध्यम से सफलतापूर्वक बैंकिंग लेनदेन कर रही हैं। इसके जरिए हजारों करोड़ रुपये का वित्तीय लेनदेन हुआ है और महिलाओं का स्वरोजगार बढ़ा है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार की नियत स्पष्ट हो तो योजनाएं स्वयं मार्ग प्रशस्त कर देती हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पहले बेटियों की सुरक्षा और उनके रोजगार पर कई बार बाधाएं और डकैती जैसी घटनाएं घटित होती थीं। अब पोषाहार, हॉट मील और स्कूलों में स्वेटर, यूनिफॉर्म, बैग जैसी सुविधा के माध्यम से बच्चों, खासकर बेटियों, की सुरक्षा और शिक्षा सुनिश्चित की गई है। 2017 से पहले कई बेटियां नंगे पैर स्कूल जाती थीं, और सर्दियों में स्वेटर नहीं होते थे। आज हर बच्चे को स्कूल बैग, दो यूनिफॉर्म और स्वेटर उपलब्ध कराया जाता है।

हायर एजुकेशन में पढ़ने वाली बेटियों को टैबलेट दी गई है, ताकि उन्हें डिजिटल शिक्षा में बाधा न आए। आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार और हॉट मील योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार की थीम को ध्यान में रखते हुए विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं।

योगी आदित्यनाथ ने महिला सुरक्षा के क्षेत्र में प्रभावी कदम उठाने का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि किसी भी बाहरी व्यक्ति द्वारा महिलाओं के खिलाफ अपराध करने का प्रयास किया गया तो उसे तुरंत सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने इसे एक उदाहरण देते हुए बताया कि एक बाहरी अपराधी जो उत्तर प्रदेश में आया, उसने गलती से यहां आने की बात कही, लेकिन ऐसे किसी भी अपराधी के लिए राज्य सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।

मुख्यमंत्री ने अंत में सभी योजनाओं और पहलों का समेकित महत्व बताते हुए कहा कि मिशन शक्ति केवल महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान प्रदान करने का अभियान नहीं है, बल्कि यह समाज में समानता, शिक्षा, रोजगार और जीवन स्तर सुधारने का माध्यम भी है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे इन पहलों को समझें, अपनाएं और अपने परिवार तथा समाज में महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा को सुनिश्चित करें।

इस तरह मिशन शक्ति 5.0 ने महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा, रोजगार और सम्मान के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को एक नई दिशा प्रदान की है। इस अभियान के सफल क्रियान्वयन से प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के नए आयाम स्थापित होंगे और समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा।