Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wp-statistics domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the updraftplus domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114
इलेक्ट्रानिक्स उद्योग को भा रही योगी सरकार की नीति- Amar Bharti Media Group राज्य, उत्तर प्रदेश

इलेक्ट्रानिक्स उद्योग को भा रही योगी सरकार की नीति

तीन साल में हासिल किया पांच साल का लक्ष्य,20000 करोड़ का निवेश,तीन लाख से अधिक को रोजगार

उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रानिक्स उद्योग से जुड़े कारोबारियों तथा इसमें काम करने वालों के लिए गर्व करने का अवसर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से इलेक्ट्रानिक्स उद्योग (आईटी सेक्टर) में तय किए गए लक्ष्य को समय से पहले ही पूरा कर लिया गया है। सूबे की सरकार ने सत्ता में आने के तत्काल बाद इलेक्ट्रानिक्स उद्योग में 20,000 करोड़ रुपये के निवेश और तीन लाख लोगों को रोजगार देने का पांच सालों में लक्ष्य तय किया था। इस टार्गेट को सूबे की सरकार ने तीन वर्षों में ही पूरा कर लिया है।

ओप्पो, सैमसंग, डिक्सन, हीरानंदानी ग्रुप, इंफोसिस तथा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज जैसी बड़ी कंपनियों ने इलेक्ट्रानिक्स उद्योग में निवेश करने के लिए पहल की है। ओप्पो ने तो टेगना क्लस्टर की स्थापना करने के लिए कदम बढ़ा दिया है। इलेक्ट्रानिक्स विभाग के आला अफसरों के अनुसार, यह एक उपलब्धि है, जिसे मुख्यमंत्री के दिशानिर्देशन में कार्य करते हुए हासिल किया गया है।    

इलेक्ट्रानिक्स सेक्टर में कार्यरत बड़े कारोबारी भी अफसरों के इस कथन से सहमत हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश ही देश का ऐसा प्रमुख राज्य है, जिसने इलेक्ट्रानिक्स उद्योग (आईटी सेक्टर) में भारी निवेश पाया है। आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में उप्र इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति -2017 के अंतर्गत 20,000 करोड़ रुपये के निवेश के लक्ष्य को तीन साल में ही लगभग 30 निवेशकों द्वारा प्रदेश में किए गए निवेश से प्राप्त कर लिया गया है और तीन लाख से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं।

यह सब संभव हुआ है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इलेक्ट्रानिक्स उद्योग में निवेश को बढ़ावा के लिए लायी गई आईटी नीति के चलते। इस नीति के तहत मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इलेक्ट्रानिक्स उद्योग में निवेश के इच्छुक कारोबारियों की दिक्कतों को दूर करने की जिम्मेदारी दी।

इसके अलावा राज्य में इलेक्ट्रानिक्स उद्योग में निवेश को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थित नोयडा, ग्रेटर नोएडा तथा यमुना एक्सप्रेस क्षेत्र को “इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग जोन” घोषित किया गया। मुख्यमंत्री के यह फैसले ही इलेक्ट्रानिक्स उद्योग के कारोबारियों को यूपी में निवेश करने की वजह बने।

आईटी विभाग के अफसरों के अनुसार, मुख्यमंत्री के उक्त फैसलों के चलते चीन, ताइवान तथा कोरिया की अनेक प्रतिष्ठित कंपनियां यूपी में अपनी इकाइयां स्थापित करने के लिए आगे आयीं। एक ओवरसीज प्रतिष्ठित कंपनी अब ग्रेटर नोएडा में 100 एकड़ जमीन में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर का निर्माण कर रही है।

इस मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में इलेक्ट्रानिक्स सेक्टर की कई नामी कंपनियां अपनी इकाइयां स्थापित करेंगी। इलेक्ट्रानिक्स उद्योग के बड़े कारोबारियों और आईटी विभाग के आला अफसरों के अनुसार प्रदेश की इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति -2017 ने नोयडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र को देश में एक इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण हब के रूप में स्थापित किया है।

आईटी विभाग के अधिकारीयों का कहना है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर तीन वर्ष पहले तैयार हुई आईटी नीति की सफलता को देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर बीते अगस्त में नई उप्र इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति -2020 लायी गई। इस नीति के चलते अब प्रदेश के सभी जिलों में इलेक्ट्रानिक्स उद्योग स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। इस नई नीति में अगले पांच वर्षो में 40,000 करोड़ रुपये का निवेश और चार लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराने का लक्ष्य तय किया गया है।

इस नीति के अंतर्गत प्रदेश में तीन इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स की स्थापना की जायेगी। जिसके तहत यमुना एक्सप्रेस वे में जेवर एयरपोर्ट के समीप एक इलेक्ट्रानिक सिटी की स्थापना की जायेगी। बुंदेलखंड में रक्षा इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर तथा लखनऊ, उन्नाव और कानपुर जोन में मेडिकल इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की स्थापना की जायगी। इसके अलावा प्रतिष्ठित कंपनी ओप्पो के साथ मिलकर तीन भारतीय तथा ताइवान की चार कंपनियां मिलकर टेगना क्लस्टर की स्थापना करने जा रही है। करीबी दो हजार करोड़ रूपये का निवेश इस क्लस्टर में आएगा।

इसके अलावा आईटी इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (STPI) द्वारा करीब 200 करोड़ रुपये की लागत से राज्य के सभी 18 मंडलों  में आईटी पार्क तैयार किया जा रहा है। सहारनपुर में 200 एकड़ में विकसित किए जा रहे पिलखनी औद्योगिक क्षेत्र में भी तीन एकड़ में आईटी पार्क बनाया जाएगा। मेरठ एवं आगरा में आईटी पार्कों का काम लगभग पूर्ण हो चुका है।

गोरखपुर एवं वाराणसी में इस साल सितम्बर तक आईटी पार्क बन जाएंगे। निर्माणाधीन आईटी पार्कों में लगभग रु 200 करोड़ के निवेश एवं 15,000 रोज़गार के अवसर बनेंगे। कुल मिलकर आईटी सेक्टर में सरकार की नीतियों के चलते कारोबारी निवेश करने में रूचि दिखा रहें हैं।