लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चहुंमुखी विकास में आज एक नया अध्याय जुड़ने वाला है। विधानसभा के बजट सत्र में पेश होने वाला योगी सरकार का पांचवां बजट कई मायनों में खास साबित होने वाला है। योगी सरकार प्रदेश के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश करेगी। इसके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक और रिकार्ड जुड़ने जा रहा है, भाजपा सरकार के वह पहले ऐसे मुख्यमंत्री बने हैं, जिनकी देखरेख में लगातार पांचवीं बार बजट पेश किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में जब यूपी की कमान संभाली थी तब तमाम चुनैतियाँ सामने थी। लेकिन तमाम चुनौतियों के बावजूद सीएम योगी ने हर वित्तीय वर्ष में बजट को बढ़ाया। उन्होंने अपना पहला बजट वित्तीय वर्ष 2017-18 में 3.84 लाख करोड़ का बजट पेश किया था। इसके बावजूद जनता पर बिना कोई टैक्स बढ़ाए 86 हजार किसानों की 36 हजार करोड़ की कर्जमाफी और सातवें वेतन आयोग के रूप में करीब 36 हजार करोड़ रुपए खर्च किए थे। वित्तीय वर्ष 2017-18 में 3.84 लाख करोड़, 2018-19 में 4.28 लाख करोड़, 2019-20 में 4.79 लाख करोड़ और 2020-21 में 5.12 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया था। सीएम योगी का अब पांचवां बजट भी भारी भरकम होने का अनुमान है।
सबका साथ- सबका विकास के झलक की उम्मीद
बजट को सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की मूल भावना के आधार पर फोकस होने के आसार हैं। योगी सरकार का पहला बजट किसानों पर आधारित था, दूसरा औद्योगिक विकास, तीसरा बजट महिला सशक्तिकरण और चौथा बजट युवाओं के विकास पर आधारित था। इसी दूरदर्शी नीति के कारण पिछले पौने चार साल में सरकार ने किसानों, औद्योगिक विकास, महिला सशक्तिकरण और युवाओं के लिए अनुकरणीय कार्य किए हैं। जिसका नतीजा है कि प्रदेश में सभी वर्ग के लोग सरकार की योजनाओं से लाभान्वित हुए हैं।
रविवार को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट को दिया अंतिम रूप
प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने रविवार को अपने सरकारी आवास पर बजट 2021-22 को अंतिम रूप दिया। वित्त मंत्री आज पूर्वाहन 11 बजे विधानसभा में उत्तर प्रदेश का 2021-22 का बजट प्रस्तुत करेंगे। बजट प्रस्तुतीकरण का सीधा प्रसारण डीडी यूपी पर किया जाएगा। वित्त मंत्री ने बताया कि बजट 2021-22 पेपरलेस बजट होगा। बजट उत्तर प्रदेश सरकार का बजट ऐप पर उपलब्ध होगा, जिसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि बजट 2021-22 उत्तर प्रदेश सरकार का पहला पेपर लेस बजट होगा।