प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि दुनिया भारत को नई संभावनाओं की ‘नर्सरी’ के तौर पर देख रही है और कई देश अपने यहां भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के परिसर खोलने के लिए सरकार से संपर्क कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तीन साल पूरे होने के अवसर पर ‘अखिल भारतीय शिक्षा समागम’ के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा कि दुनिया के विभिन्न विश्वविद्यालय भारत में भी अपने परिसर खोलने में रुचि ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘दुनिया भारत को नई संभावनाओं की ‘नर्सरी’ के तौर पर देख रही है। कई देश अपने यहां आईआईटी परिसर खोलने के लिए हमसे संपर्क कर रहे हैं। दो आईआईटी परिसरों-तंजानिया में एक परिसर और अबू धाबी में एक परिसर-का संचालन शुरू होने वाला है… कई वैश्विक विश्वविद्यालय भी हमसे संपर्क कर रहे हैं। वे भारत में अपने परिसर खोलने में रुचि दिखा रहे हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं को उनकी प्रतिभा के बजाय उनकी भाषा के आधार पर आंकना सबसे बड़ा अन्याय है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘एआईपी का लक्ष्य भारत को अनुसंधान एवं नवोन्मेष का केंद्र बनाना है। इस नीति में ज्ञान की पारंपरिक प्रणालियों और भविष्योन्मुखी प्रौद्योगिकी को समान महत्व दिया गया है।” मोदी ने विद्यालयों से छात्रों को आपदा प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन और स्वच्छ ऊर्जा जैसे विषयों के बारे में जागरूक बनाने के लिए कहा। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने ‘पीएम श्री’ योजना के तहत निधि की पहली किस्त जारी की।