सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 की दोबारा परीक्षा कराने की याचिका खारिज कर दी है। मंगलवार को यह फैसला सुनाया गया| अदालत ने यह कहते हुए आदेश दिया कि ऐसे सबूतों का अभाव नहीं है जो दर्शाता हों कि परीक्षा की पवित्रता का प्रणालीगत उल्लंघन हुआ है। अदालत ने कहा, “रिकॉर्ड पर मौजूद डेटा प्रश्न पत्र के प्रणालीगत लीक का संकेत नहीं है जो परीक्षा की पवित्रता में व्यवधान का संकेत देगा।”
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने मामले पर फैसला सुनाया|
सीजेआई ने कहा कि दोबारा परीक्षा आयोजित करने से गंभीर परिणाम होंगे| दोबारा परीक्षा करने से परीक्षा में भाग लेने वाले 24 लाख से अधिक छात्र प्रभावित होंगे और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया बाधित होगी।
22 जुलाई को अदालत ने आईआईटी-दिल्ली को एक प्रश्न की जांच के लिए एक समिति बनाने को कहा था जिसमें 2 सही विकल्प थे। समिति को सही उत्तर ढूंढने और अपनी राय देने के लिए कहा गया था| आईआईटी-दिल्ली ने 23 जुलाई को रिपोर्ट सौंपी और कहा कि विकल्प 4 सही उत्तर है। रिपोर्ट के बाद, यह निष्कर्ष निकाला गया कि प्रत्येक छात्र को प्रस्तुत सही उत्तर के अनुसार फिर से चिह्नित किया जाएगा। इस करनवर्ष 4.2 लाख छात्रों को गलत उत्तर चुनने पर 4 अंक और 1 नकारात्मक अंकन का नुकसान होगा। एनटीए को सही उत्तर के अनुसार अंकों की दोबारा गणना करने के लिए कहा गया है।
इसके अलावा, एनटीए ने 1563 छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित की थी, जिनमें से 861 परीक्षा में शामिल हुए थे। सीजेआई ने एजेंसी को तदनुसार कार्य करने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी याचिकाकर्ता को व्यक्तिगत शिकायत है तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।